ये हैं बेजुबानो के मददगार
1 min readराँची: कोरोना संक्रमण ने इंसानों के साथ जीव जंतुओं के समक्ष भी कई चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। शहर के विभिन्न होटल, रेस्टोरेंटऔर फूड स्टॉल बंद होने के साथ सामाजिक गतिविधियों पर विराम लगने के कारण सड़क के किनारे रहने वाले जानवरों को भोजन देने वाले अब कम हो गए हैं। ऐसे में बेजुबान जानवरों की मदद के लिए रांची की एक युवती ने अपना कदम बढ़ाया है। कोरोना संक्रमण की विकट परिस्थिति ने सड़क के किनारे रहने वाले न जाने कितने बेजुबान जानवरों के समक्ष भोजन की समस्या खड़ी कर दी है। ऐसे में बेजुबान जानवरों की मदद के लिए रांची की एक युवती आर्ची सेन ने अपना कदम बढ़ाया है। वे हर दिन लगभग 200 कुत्तों को भोजन कराती हैं। आर्ची सेन कुत्तों को खाने पिलाने के साथ उनके रहने और वैक्सीनेशन की भी व्यवस्था करती हैं।
बातचीत के दौरान आर्ची सेन ने कहा कि बेजुबान जानवरों को भोजन कराने के लिए वे हर दिन घर से निकल जाती हैं। वे कहती हैं कि हर किसी को कम से कम एक जानवर को भोजन कराने का जिम्मा लेना चाहिए। आर्ची सेन को इस काम में अपने पिता और छोटे भाई का भरपूर सहयोग मिलता है। छोटे भाई अर्नब सेन भी जानवरों को भोजन कराने के लिए अपनी दीदी के साथ घर से निकल जाते हैं।
आर्ची सेन के छोटे भाई अर्नब सेन का कहना है कि खाने-पीने के साथ-साथ इलाज के लिए दूसरों पर आश्रित रहने वाले बेजुबान जानवरों की मदद के लिए इंसानों को आगे आना होगा। आर्ची सेन द्वारा उठाया गया यह कदम जानवरों के लिए मददगार तो साबित हो ही रहा है इंसानों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी है।