अमर शहीद स्वतंत्रता सेनानी और झारखंड के अबुवा बिरसा मुंडा की 121वीं पुण्यतिथि, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बिरसा मुंडा को बताया ना भूलने वाला शख्सियत
1 min readराँची: अमर शहीद स्वतंत्रता सेनानी और झारखंड के अबुवा बिरसा मुंडा की 121वी पुण्यतिथि देश सहित झारखंड में मनाई गयी । इसी कड़ी में मुख्यमंत्री आवासीय कार्यालय में मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने अमर शहीद भगवान बिरसा मुण्डा के पुण्यतिथि पर उनकी चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित कर उन्हें नमन किया। मौके पर मंत्री और पार्टी के लोग भी मौजूद रहे। बिरसा मुंडा आदिवासी, पिछडो, दलित के एक निडर शख्सियत थे। 1766 के पहाड़िया-विद्रोह से लेकर 1857 के ग़दर के बाद भी आदिवासी अपने अधिकार के लिए लड़ते रहें। 1895 से 1900 तक बिरसा मुंडा ने महाविद्रोह ‘ऊलगुलान’ चलाया। आदिवासियों को लगातार जल-जंगल-ज़मीन से बेदखल किया जाता रहा और वे इसके खिलाफ आवाज उठाते रहे।बिरसा मुंडा ने बंगाल, बिहार और झारखंड की सीमा से लगे क्षेत्रों में अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह का नेतृत्व किया। इधर उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू और कई राजनीतिक दलों के नेताओ ने बिरसा मुंडा को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दिया। नौ जून, 1900 को अंग्रेजो ने महज 25 साल की उम्र में बिरसा मुंडा को रातों रात राँची के कोकर पुल के पास उसका दाह संस्कार कर दिया। वही हेमंत सोरेन बिरसा मुंडा को ना भूलने वाली शख्सियत बताया।