पर्यटक नही आने के कारण इंसान के साथ बंदर भी है परेशान

देवघर : देवघर से 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित पर्यटक स्थल त्रिकुट जिसके बारे में कहा जाता है कि रावण ने जब शिव लिंग को देवघर में रखा उसके बाद पुनः शिवलिंग उठाने के लिए जब आए थे तब त्रिकुट पर्वत पर ही रावण अपना पुष्पक विमान को उतारे थे और आज हम उस त्रिकुट की बात कर रहे हैं कोरोना काल से पहले वहाँ की स्थिति क्या थी और अब क्या है बाबा बेधनाथ मंदिर बंद होने के कारण पर्यटक स्थलों का बुरा हाल हो चुका है मन्दिर बंद होने के कारण पर्यटकों का आना बंद है यहां सामान्य दिन में रोज 500 से 1000 के करीब श्रद्धालु व पर्यटक आते थे और दुकानों से खिलौना , चूड़ी , बंदरो के लिए बिस्कुट, चना, फल व अन्य खाद्य सामग्री को खरीदते थे रोपवे का आनंद लेते थे जिससे यहाँ के दुकानदारों , कैमरा चलाने वालों एवं रोपवे में काम करने वाले लोगों का रोजी रोटी चलता था लेकिन अन्य दिनों की बात छोड़े सावन महीने में पर्यटकों का जहाँ मेला लगा हुवा होता था रोड, पहाड़,रोपवे सभी जगह भारी भरकम भीड़ रहती थी वहाँ सनाटा पसरा हुवा है दुकानदारों का कहना है बाबा मंदिर को खोला जाय नही तो हमलोग भुखमरी के कारण मर जाएंगे अभी तक किसी तरह से घर परिवार चला रहे थे लेकिन अब सम्भव नहीं है हम सभी दुकानदार सरकार से माँग करते हैं हम दुकानदारों के लिए सरकार कुछ करें।