मौत के तालाब में अब नही जाएगी किसी की जान
1 min read
जमशेदपुर : जमशेदपुर के मौत के तालाब में अब नही जाएगी किसी की जान। जहरीला पानी और भूतिया तार कंपनी के दोनों तालाबो को कंपनी ने करवाया साफ अब तालाब में बनाया जा रहा पार्क। तालाब के चारो तरह रैलिंग के साथ रहेंगे सुरक्षा गार्ड। अधिकारी ने माना और कहा अब इन तालाबो में मौतों की संख्या होगी शून्य। वर्ष में 12 माह और लगभग 12 मौत तार कंपनी के c2 तालाब और नजदीक के ही तार कंपनी तालाब कहे जाने वाले इन तालाबो की गहराई को ध्यान से देखिए जो गहरा तो है मगर उतनी ही दलदल नुमा भी है जिसमे कंपनी के मनिफेक्चरिंग का बेस्ट वाटर पाइप लाइन के सहारे गिराया जाता रहा है जो कई दशकों से साफ -सफाई के आभाव में दलदालनुमा बन चुका था जिसका पानी जहरीला हो चुका था जहा घरेलू झगड़ा और अन्य कारणों से पानी के अंदर जाने वालों इंसान वापस जिंदा नही लौटता था । इस तरह इन तालाबो में ना जाने कितनी ही जिंदगियों को दफन कर चुका है । यहां गिरने या जानबूझ कर कूदने वाला व्यक्ति के लिए ना जाने कितनी ही बार चीख पुकार परिजनो ने की मगर आज तक कोई वापस जिंदा नही आया । जहा इतनी मौतों के बाद तो लोग इन दोनों तालाबो को भूतिया तालाब मान चुके थे। स्थानीय निवासियों के अनुसार उनके उम्र के पहले से मौत हो रही है जिसका पानी जहरीला और तालाब के अंदर दलदल होने के कारण यहां मौत का आंकड़ा ज्यादा है मगर अब कंपनी इन ही कारणों से इसे सफाई करवा आस पास पार्क जैसा माहौल बना रही है ताकि जमशेदपुर के लोगो के बीच जो इन तालाबो की तश्वीर बनी पड़ी है उसे सुधारा जाए और आगामी दिनों में और लोगो की जान बचाई जा सके। इन तालाबो में मौत के बाद कि चीख पुकार की करुण व्यथा को सुन कंपनी ने इन दोनों तालाबो में काम सुरु करवा रखा है जो शायद तालाब के जन्म से अब पहली बार हो रही है । जहां अब चारो तरफ बैरिकेटिंग के अलावा सुरक्षा प्रहरी और आस पास किनारे किनारे बच्चों के खेलने के झूलो के अलावा अन्य कई कार्य कर रही है जहां काम करवाने वाले साइड इंचार्ज बताते है इसे लोग भूतिया तालाब के साथ मौत का तालाब लोग मान चुके थे जिस कारण कंपनी इसमें काम करवा रही है जहां शायद अब मौत नही होगी। बार -बार लगातार मौत के शिलशिले को ब्रेक लगाने और क्षेत्र के लोगो को एक सुंदर वातावरण के साथ, आस -पास सुंदर सौंदर्य पूर्ण तालाब देने का प्रयास में देखना होगा कंपनी किस हद तक सफल होती है । या फिर पूर्व की भांति मौत का शिलशिला कायम रहता है.
