PM मोदी का साइप्रस दौरा: तुर्किये को कूटनीतिक संदेश, भारत-यूरोप सहयोग की नई शुरुआत
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न्यूज़टेल डेस्क:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दो दिवसीय यूरोप दौरे के तहत साइप्रस पहुंचे, जहां राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। एयरपोर्ट पर रेड कार्पेट के साथ स्वागत किए जाने के बाद पीएम मोदी लिमासोल में भारतीय समुदाय से मिले और फिर द्विपक्षीय बैठक में भाग लिया। पीएम मोदी का यह दौरा राजनीतिक और रणनीतिक दृष्टिकोण से अहम माना जा रहा है, खासकर तुर्किये के संदर्भ में।

भारत ने साइप्रस को यूरोप का द्वार बताते हुए इसे अपना भरोसेमंद साझेदार कहा। प्रधानमंत्री मोदी ने यूरोपीय यूनियन के साथ जल्द ही फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर काम शुरू करने की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने भारत के डिजिटल विकास, बुनियादी ढांचे में निवेश और स्टार्टअप संस्कृति को वैश्विक स्तर पर मजबूत स्तंभ बताया। साथ ही साइप्रस के साथ रक्षा और सुरक्षा सहयोग बढ़ाने की बात भी सामने आई।

इस दौरे को तुर्किये के खिलाफ एक कूटनीतिक संदेश के रूप में भी देखा जा रहा है। तुर्की साइप्रस के उत्तरी हिस्से पर कब्जा करके उसे ‘तुर्की साइप्रस गणराज्य’ घोषित कर चुका है, जिसे केवल तुर्किये ही मान्यता देता है। तुर्किये का पाकिस्तान के साथ गहरा रिश्ता और कश्मीर मुद्दे पर उसकी बयानबाज़ी भारत को खटकती रही है। ऐसे में पीएम मोदी का यह दौरा न सिर्फ साइप्रस के साथ संबंधों को मजबूती देने की पहल है, बल्कि तुर्किये को इशारों में जवाब देने की रणनीति भी है।