12.5 kg की गोली जो छन्नी करेगी दुश्मनों के जहाज, नौसेना को दी जाएगी SRGM
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न्यूज टेल/डेस्क: (अदिति पांडे) भारतीय नौसेना को बहुत जल्द मिलेगी 16 सुपर रैपिड गन माउंट यानी (SRGM). रक्षा मंत्रालय ने इन बंदूकों के लिए BHEL हरिद्वार के साथ समझौता किया. ये डील 2956.89 करोड़ रुपए में फिक्स हुई है. ये एक खास तरह की ऑटोमैटिक तोप है, जिसकी गोलियां आम तोप के गोलों से छोटी लेकिन बड़ी मशीन गन की गोलियों से बड़ी होती हैं
इस गन की डिजाइन और निर्माण सबसे पहले इटली की कंपनी OTO Melara में हुई थी. लेकिन भारत में ये लाइसेंस के तहत बनाई जाती है. ये ऐसी बंदूक है, जिसका इस्तेमाल एंटी-मिसाइल प्वाइंट डिफेंस, एंटी-एयरक्राफ्ट, एंटी-सरफेस और ग्राउंड सपोर्ट के लिए किया जाता हैं.

इस बंदूक में कई प्रकार की गोलियां लगाई जाएगी. जैसे- बख्तरबंद को छेदने वाली, इंसेन्डरी, डायरेक्टेड फ्रैग्मेंटेशन इफेक्ट्स या गाइडेड राउंड्स. यह बंदूक आमतौर पर 7.5 टन की रहती है. इसकी नली 62 कैलिबर और 186 इंच लंबी होती है. इसमें 76x636mmR गोलियां लगाई जाती है. इसमें लगने वाली हर गोली का वजन 12.5 किलोग्राम रहता है फायरिंग के बाद जो खोखा गिरता है, उसी का वजन 6.3 किलोग्राम रहता है. गोलियों का कैलिबर 76.2 मिलिमीटर होता है. यानी 3 इंच. इसकी नली माइनस 15 डिग्री से लेकर 85 डिग्री तक घूमती है. यानी दुश्मन किसी भी कोने में भाग नहीं सकते. यह चारों ओर घूमते हुए हमला कर सकती है.

अगर कॉम्पैक्ट मोड में फायरिंग हो तो यह 85 राउंट प्रति मिनट की दर से सुपर रैपिड मोड में 120 राउंट प्रति मिनट की दर से फायरिंग करके दुश्मनों को हिला सकती हैं. इसकी गोलियां 3000 फीट प्रति सेकेंड की स्पीड से आगे जाति हैं. दुश्मनों को बचने का मौका ही नहीं देगी. इसकी रेंज 16 से 40 किलोमीटर है. ये रेंज उसके तीन अलग-अलग वैरिएंट्स के हैं. भारतीय नौसेना के कोलकाता क्लास विध्वंसक, शिवालिक क्लास फ्रिगेट, गोदावरी क्लास फ्रिगेट, विशाखपट्टनम क्लास विध्वंसक, ब्रह्मपुत्र क्लास फ्रिगेट, कोरा क्लास कॉर्वेट, कमोर्ता क्लास कॉर्वेट, राजपूत क्लास विध्वंसक, वीर क्लास कॉर्वेट और एयरक्राफ्ट कैरियर INS Vikrant पर तैनात है.