‘यास’ का तांड़व लोग डर के साए में जीने को मजबूर।
1 min readजमशेदपुर : यास तूफान की तबाही का तांड़व का असर जमशेदपुर में बाढ़ के रूप में दिखाई पड़ रहा। लगभग 300 घरो में स्वर्ण रेखा नदी का पानी घुसा। एनडीआरएफ की टीम बाढ़ क्षेत्र में पहुँच कर रही है रेस्क्यू। लोग बाढ़ की डर से घरो का सामान ले कर भागने पर मजबूर । लोग डर के साए में जीने को मजबूर।
यास चक्रवात के कारण पिछले दो दिनों से हो रहे रुक- रुककर बारिश और तेज हवा के कारण शहर की दोनों प्रमुख नदियों स्वर्णरेखा और खरकई के जलस्तर में बढोत्तरी होने से पहली बार मई महीने में शहर में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. उधर तटीय इलाकों को युद्धस्तर पर जिला प्रशासन द्वारा खाली कराया जा रहा है. वहीं किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए जिला प्रशासन और एनडीआरएफ की टीम तैनात कर दी गई है. हालांकि यास चक्रवात का असर अभी भी कम नहीं हुआ है. पिछले 24 घंटे के भीतर पूर्वी सिंहभूम जिले में 95.1 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई है. हालांकि मौसम विभाग पूर्वानुमान के अनुसार 90 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवा चलने का अनुमान था, लेकिन 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवा चली. जिससे नुकसान शहर में कम हुआ. वहीं मुसाबनी, बहरागोड़ा, डुमरिया, पोटका व गुड़ाबांधा प्रखंड के करीब 15 से 20 गावों में कच्चे मकानों को नुकसान पहुंचा है. 80 जगहों पर बिजली का तार पेड़ की डाल, इंसुलेटर, कंडक्टर, ब्रैकेट और पोल टूट गए. जिससे बिजली आपूर्ति प्रभावित हुई है। वही जमशेदपुर के स्वर्णरेखा नदी तटीय क्षेत्र बागबेड़ा में लगभग 300 घर वही कई क्षेत्रों के निचले इलाकों में बाढ़ का पानी घरो में अपना कब्जा बना चुका है।