गुरु नानक देव जी की जयंती को कोरोना के कारण सामाजिक दूरी के साथ गुरूद्वारा मे कीर्तन कर मनाया गया ।

कोरोना ने गुरु पूर्णिमा प्रकाश उत्सव का रंग किया फीका सिख समुदाय ने नही निकाला नगर कीर्तन ,गुरुद्वारा में हुए कीर्तन ,पैक कर बाटे गए लंगर ।
सिखो के पहले गुरु नानक देव जी की जयंती कार्तिक शुक्ल पक्ष के पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है ।

गुरुनानक देव जी का जन्म कार्तिक पूर्णिमा के दिन पाकिस्तान में स्थित ननकाना साहिब में हुवा था जिस दिन नगर कीर्तन ,अरदास,प्रभात फेरी और लंगर लगाए जाते है मगर इस बार कोरोना जैसे जानलेवा वयरस को देखते हुए सिख समाज ने नगर कीर्तन का कार्यक्रम को रद किया कारण गुरु नानक देव जी की वाणी थी समाज को एकता में बांध रखा जाना चाहिए जिस संदेश को ध्यान में रखते हुए इस बार नगर कीर्तन शहर में नही निकले गए । इस महान तिथि के मध्यनजर गुरुद्वारा में कीर्तन किये गए जहां सिख समुदाय के लोगो ने हिस्सा लिया वही इस संबंध में सिख समुदाय के चर्चित नाम मंटू जी ने बताया सभी के स्वस्थ की चिंता करते हुए नगर कीर्तन का कार्यक्रम नही रखा गया मगर नी गुरुद्वारा को रौशनी सुसज्जा से सजाया गया है अंदर बैठ कर कीर्तन हुवा और लंगर भी बाटे गए जो पैकेट बना दिया गया ।