माँ-बाप अकेले रह जाते हैं
1 min readमाँ-बाप बच्चों को ऊँची शिक्षा देते हैं और एक दिन बच्चे अपना छोटा सा शहर छोड़कर चले जाते हैं. माँ-बाप अकेले रह जाते हैं. माँ-बाप बच्चों को ऊँची शिक्षा कैसे न दें और बच्चे शहर छोड़कर न जाएँ ऐसा कैसे हो सकता है? आज के माँ-बाप को इसके लिए तैयार रहना होगा और अपने बच्चों को कुछ इस तरह विदा करना होगा
बस अपना ख्याल रखना
पंछी हो तुम, उड़ जाओगे
दाना दुनका चुन लाओगे
आशाओं के नील गगन में
खूब ऊँची उड़ान भरना
बस अपना ख्याल रखना
आजादी का सपना तुमको
दूर देश को ले जाएगा
संगी-साथी, रिश्ता-नाता
तुमको बाँध नहीं पाएगा
अजनबियों में रमके हमको
चाहे याद ना करना
बस अपना ख्याल रखना
होगी जितनी कठिन चुनौती
मेहनत उतनी करनी होगी
रातों को तू जागेगा और
दिन में चैन नहीं होगी
हालातों की आग में तपकर
एकदम खरा सोना बनना
बस अपना ख्याल रखना
रह जाएँगे हम तो तन्हाँ
दुख-सुख में तू पास न होगा
नज़रें धुँधली, डगमग कदमें
जो थामे वो हाथ न होगा
खाली घर और सन्नाटा बस
इसका ग़म ना करना
बस अपना ख्याल रखना
-कमल कांत लाल