दलमा जंगल में लगी आग से जानवरों में अफरा तफरी, एक लंगूर की मौत, वन विभाग ने किया इंकार
1 min readजमशेदपुर : 192 वर्ग किलोमीटर दलमा जंगल में आग फैलने के कारण अफरा-तफरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है। जंगल के जानवर निकलकर बाहर आ रहे हैं। इस क्रम में जंगल से लंगूर निकले और जान बचाने के लिए गांव की भागे। हालांकि इस अफरातफरी में सडक पार करने के क्रम में कई लंगूर घायल हो गए, जबकि एक की मौत हो गई। इस बात से ग्रामीणों में दहशत की स्थिति है। उनका कहना है कि जंगल उनकी पहचान है और इसे किसी भी कीमत में बचाना है। हालांकि वन विभाग ने जानवरों के मौत की बात को नकार दिया और कहा कि एक भी जानवर की मौत नहीं हुई है।
झारखंड में दलमा जंगल सूबे की धरोहर है, जिसका जिक्र इतिहास भी करता है। इस दलमा जंगल की तराई में लगभग 84 गांव है जो वर्षो से दलमा जंगल पर निर्भर हैं। मगर इस जंगल मे आग की घटना किसी सनसनी से कम नहीं। घटना बीते रात की है, जहां जंगल में आग लग जाने की सूचना से जंगल के पास के गांव में अफरातफरी मच गई। आग की लपटों को बुझाने के लिए वन विभाग की टीम रात भर लगी रही। जंगल में लगी आग से मौत के ख़ौफ़ ने जंगल के जानवरों को भयभीत कर दिया। ग्रामीणों की मानें तो जंगल में आग की घटना से बंदर निकलकर गांव की और भागे और सड़क पार करने के दौरान कुछ बंदरो की मौत भी हुई। कुछ घायल बंदरों को ग्रामीणों ने पानी पिलाकर उनकी जान बचायी। ग्रामीणों की मानें तो जंगल मे आग लगने के कारण जानवरों पर खतरा होने के साथ ही जड़ी बूटियों को भी नुकसान हुआ है।

ग्रामीणों का यह भी कहना है कि दलमा जंगल में प्रति वर्ष आग लगती है, लेकिन संबंधित अधिकारी अपना कार्य सही तरीके से नहीं करते। अगर ग्रामीणों को जेड़ साझा प्रयास किया जाए तो स्थिति इतनी नहीं बिगड़ेगी।
इधर जानवरों के मरने की बात को लेकर डीएफओ अभिषेक कुमार कहते हैं कि दलमा जंगल में लगी आग में दर्जनों जानवरों के झुलसने की खबर गलत है। कहीं किसी जानवर की मौत नहीं हुई है। आग पर भी काबू पा लिया गया है। उन्होंने कहा कि आगे से इस तरह की घटना न हो, इसके लिए भी रणनीति बनायी जा रही है।