एचईसी को बचाने के लिए पूर्व केंद्र मंत्री और विधायक ने की पहल, केंद्र सरकार से लगाई गुहार

राँची : कांग्रेस भवन, रांची में पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय एचईसी के हालात को लेकर एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया। संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने कहा कि एचईसी भाजपा के गलत नीति के कारण बाजपेयी सरकार से लेकर मोदी सरकार तक बिकते रहा है और इसे बचाने के लिए मैं अपनी आखिरी क्षमता तक प्रयास करता रहूंगा। उन्होंने कहा कि एचईसी में लगभग पांच हजार मजूदर स्थायी एवं अस्थायी रूप में कार्यरत है। डेढ़ लाख की आबादी का टाउनशीप है। एचईसी में अफसरों का पांच महीनों का वेतन और मजदूरों को चार महीनों का वेतन नहीं मिला है। वर्तमान समय में एचईसी के पास लगभग दो हजार करोड रुपये का कार्यादेश है। लेकिन क्रियाशील पूंजी नहीं होने के कारण काम नहीं हो रहा है। एचईसी में विगत 19 महीनों से वैल के चेयरमैन को एचईसी के चेयरमैन का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है वे 19 महीनें में सिर्फ चार बार ही कार्यालय में आये हैं। एचईसी झारखंड का गौरव है। यह देश में स्थापित उद्योगों का मदर प्लांट है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2004 में जब यूपीए सरकार थी और मैं मंत्री था तो विशेष पैकेज देकर फिर से जिंदा करने का प्रयास किया था।साथ ही उन्होंने कहा कि आज भारी उद्योग मंत्री भारत सरकार प्रकाश जावेडकर से फोन पर बात कर एचईसी की वस्तु स्थिति से अवगत कराया और कहा कि झारखंड और देश की अस्मिता के लिए एचईसी का चालू रहना अनिवार्य है। भारी उद्योग मंत्री ने यह आश्स्वत किया कि एचईसी के सवाल पर मंत्रालय में अविलंब बैठक बुलाएंगे, उन्होंने कैबिनेट मंत्री अर्जुन मुंडा से भी आग्रह कि कहा है झारखंड का प्रतिनिधित्व करने के नाते झारखंड की अस्मिता की भी रक्षा हेतु एचईसी को बचाने के लिए अपना पक्ष रखें।