NPR और Census में क्या अंतर है? कांग्रेस और बीजेपी की नीतियों में साफ दिखा मतभेद
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न्यूज़ेल डेस्क:भारत में जनसंख्या से संबंधित दो प्रमुख प्रक्रियाएं हैं — राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) और जनगणना (Census)। जनगणना हर 10 वर्षों में आयोजित की जाती है और इसका उद्देश्य देश की सामाजिक-आर्थिक जानकारी जैसे जनसंख्या, शिक्षा, रोजगार और आवास से संबंधित विस्तृत डेटा जुटाना है। यह प्रक्रिया रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त के अंतर्गत होती है और 1948 के जनगणना अधिनियम द्वारा संचालित होती है। वहीं, बीजेपी सरकार ने 2025 की जनगणना में जातिगत जानकारी भी शामिल की है, जो ओबीसी और अन्य वर्गों की स्थिति स्पष्ट करने के लिए एक नया राजनीतिक प्रयोग माना जा रहा है।

NPR यानी राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर, भारत में रहने वाले हर “निवासी” का व्यक्तिगत विवरण एकत्र करने की प्रक्रिया है। इसमें व्यक्ति के नाम, जन्म तिथि, माता-पिता के जन्मस्थान जैसे 21 बिंदुओं पर जानकारी ली जाती है। इसकी शुरुआत 2010 में यूपीए सरकार के कार्यकाल में हुई थी, जिसे बाद में बीजेपी सरकार ने NRC (राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर) से जोड़ने की मंशा जताई। इसी वजह से कांग्रेस और बीजेपी के बीच NPR के उद्देश्य को लेकर विवाद खड़ा हुआ है।

कांग्रेस NPR को सामाजिक कल्याण और योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए एक जरूरी आधार मानती है, जबकि बीजेपी इसे राष्ट्रीय सुरक्षा और नागरिकता की पुष्टि से जोड़ती है। वहीं जनगणना व्यापक जनहित के आंकड़े उपलब्ध कराती है और इसकी गोपनीयता सुनिश्चित की जाती है। दोनों प्रक्रियाएं प्रशासनिक रूप से अहम हैं, लेकिन उनकी कार्यप्रणाली और राजनीतिक व्याख्याएं एक-दूसरे से काफी भिन्न हैं, जो आने वाले चुनावों में भी असर डाल सकती हैं।