“भूत मेला: आस्था या अंधविश्वास?””हैदरनगर की रहस्यमयी अदालत””क्या सच में मिलती है मुक्ति?””संतान सुख की मन्नतें”
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पलामू: हैदरनगर देवी धाम में हर साल आयोजित होने वाला भूत मेला, एक रहस्यमयी परंपरा है। यहां लाखों श्रद्धालु अपनी समस्याओं से मुक्ति पाने और संतान सुख प्राप्त करने के लिए आते हैं। इस साल 30 मार्च से 12 अप्रैल तक यह मेला आयोजित होगा, जिसमें देशभर से श्रद्धालु हिस्सा लेंगे। इस मेले को आस्था और अंधविश्वास के बीच एक अजीब सा रिश्ता जोड़ा जाता है।

भूतों की अदालत: जहां होती है अजीबोगरीब घटनाएं
हैदरनगर देवी धाम का भूत मेला अपने आप में अनोखा है, क्योंकि यहां एक रहस्यमयी “भूतों की अदालत” का आयोजन किया जाता है। मंदिर के पुजारी त्यागी दास के अनुसार, इस साल मेला 30 मार्च से शुरू होकर 12 अप्रैल तक चलेगा। इस दौरान लाखों श्रद्धालु मंदिर में आकर अपनी परेशानियों का समाधान तलाशने के लिए आते हैं। कुछ लोग अपनी प्रेत बाधाओं से मुक्ति पाने के लिए यहां पहुंचते हैं, तो कुछ लोग संतान सुख की प्राप्ति के लिए यहाँ आते हैं।

*प्रेत बाधाओं से मुक्ति: चमत्कारी अनुभव*
यहां आने वाले श्रद्धालुओं का विश्वास है कि वे प्रेत बाधाओं से मुक्ति पा सकते हैं। जब कोई व्यक्ति मंदिर के हवन कुंड में पहुंचता है, तो वह अक्सर झूमने और विचित्र हरकतें करने लगता है। इसे तांत्रिक और पुजारी विशेष अनुष्ठानों के माध्यम से ठीक करते हैं। यह विश्वास किया जाता है कि इस प्रक्रिया के बाद व्यक्ति सामान्य अवस्था में लौट आता है, और उसकी परेशानियाँ दूर हो जाती हैं।

संतान सुख की प्राप्ति: एक असीम आस्था
हैदरनगर देवी धाम का यह मंदिर उन लोगों के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध है जो संतान सुख से वंचित हैं। श्रद्धालु मानते हैं कि यहां सच्चे मन से मन्नत मांगने पर उन्हें संतान प्राप्ति का आशीर्वाद मिलता है। जो लोग अपनी मनोकामनाएं पूरी होती देखेंगे, वे अगले साल फिर से मंदिर आकर माता भगवती को भेंट अर्पित करते हैं, जैसे सिंगार, साड़ी और गहने।

दूर-दूर से आते हैं श्रद्धालु: आस्था का विशाल मेला
यह मेला केवल झारखंड ही नहीं, बल्कि पूरे भारत में प्रसिद्ध है। बिहार, छत्तीसगढ़, राजस्थान, हरियाणा जैसे राज्यों से श्रद्धालु यहां आते हैं। रांची से आई प्रिया कुमारी ने बताया कि यह उनकी पहली यात्रा थी और उन्होंने यहां एक अद्भुत आध्यात्मिक अनुभव महसूस किया। वह भविष्य में फिर से यहां आना चाहेंगी।

भूत मेला: आस्था और अंधविश्वास का संगम
भूत मेला के बारे में विभिन्न विचार हैं। जहां एक ओर इसे आस्था का केंद्र माना जाता है, वहीं कुछ लोग इसे अंधविश्वास से जोड़ते हैं। लेकिन जो लोग यहां आते हैं और अपने अनुभवों को साझा करते हैं, उनके लिए यह मंदिर एक चमत्कार से कम नहीं है। इस साल भी 30 मार्च से 12 अप्रैल तक लाखों श्रद्धालु एक बार फिर हैदरनगर देवी धाम में आकर अपनी आस्थाओं का इज़हार करेंगे और भूतों की अदालत में भाग लेंगे।