महालया पर मां दुर्गा के आगमन का स्वागत, पितृपक्ष का अंतिम दिन आज।
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न्यूज टेल डेस्क: आज, 21 सितंबर 2025 को महालया का पर्व पूरे देश में श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया जा रहा है। यह दिन पितृपक्ष के समापन और दुर्गा पूजा की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस अवसर पर पितरों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए तर्पण किया जाता है। साथ ही घर की साफ-सफाई, स्नान के बाद सूर्य देव को जल अर्पित करने, ब्राह्मणों व प्राणियों को भोजन कराने और जरूरतमंदों को दान देने का विशेष महत्व है। इस दिन मां दुर्गा का आवाहन कर नवरात्रि की शुरुआत का स्वागत किया जाता है।

महालया पर सूर्यग्रहण का विशेष संयोग, जानें शुभ मुहूर्त
इस साल महालया के साथ सूर्यग्रहण का विशेष संयोग बन रहा है, जिससे इसका धार्मिक महत्व और बढ़ गया है। अमावस्या तिथि आज सुबह 12:16 बजे से प्रारंभ होकर अगले दिन सुबह 1:23 बजे तक रहेगी। विशेष शुभ मुहूर्तों में कुतुप मुहूर्त 11:50 बजे से 12:38 बजे तक, रौहिण मुहूर्त 12:38 बजे से 1:27 बजे तक और अपराह्न काल 1:27 बजे से 3:53 बजे तक रहेगा। इन मुहूर्तों में तर्पण और अन्य धार्मिक कार्य करने को विशेष फलदायी माना जाता है।

बंगाल और झारखंड में महालया का विशेष महत्व, देवी दुर्गा का आगमन
पौराणिक कथा के अनुसार, महिषासुर का वध करने के लिए देवी दुर्गा का प्राकट्य हुआ था, और उसी स्मृति में महालया पर मां दुर्गा का स्वागत किया जाता है। बंगाल और झारखंड में यह पर्व विशेष धूमधाम से मनाया जाता है। दुर्गा पूजा की तैयारियों की शुरुआत इसी दिन से होती है। देशभर के श्रद्धालु इस दिन का बेसब्री से इंतजार करते हैं और माता के आगमन का उत्साह हर ओर देखने को मिलता है।