September 17, 2025

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चिराग तले अँधेरा : जहाँ हुआ छोटा गोविंदपुर जलापूर्ति योजना के पानी टंकी का निर्माण, वहाँ से सटी जनजातीय बस्तियां स्वच्छ पेयजल से वंचित

● बीजेपी नेता अंकित आनंद ने उठाया मामला, पत्र लिखकर डीसी और पीएचईडी सचिव से हस्तक्षेप का किया आग्रह

● पूर्वी घोड़ाबंधा पंचायत के धुआं कॉलोनी और धुमा बस्ती को गोविंदपुर जलापूर्ति योजना से जोड़ने की माँग तेज़

● पानी की किल्लत से जूझ रहे ग्रामीणों ने पिछली लॉकडाउन में श्रमदान कर खोद डाले दो कुएँ

जमशेदपुर : घोड़ाबंधा थीम पार्क से थोड़ी ही दूर पर चिराग तले अंधेरा की कहावत सच होते देखी जा सकती है। थीम पार्क की एक ओर जहाँ हुडको से वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट के नज़दीक छोटा गोविंदपुर जलापूर्ति योजना के तहत विशाल पानी टंकी का निर्माण हुआ है। वहीं थीम पार्क के अंदर वन बसी धुआं कॉलोनी एवं धुमा बस्ती की जनजातीय आबादी झारखंड निर्माण के 22 वर्षों बाद भी स्वच्छ पेयजल की मूलभूत सुविधा से वंचित है। विशाल पानी टंकी के बगल की जनजातीय बस्तियां सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल नहीं है। इस मामले को उठाते हुए भाजपा के पूर्व जिला प्रवक्ता अंकित आनंद ने झारखंड सरकार के पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के सचिव प्रशांत कुमार, जमशेदपुर के डीसी सूरज कुमार एवं प्रखंड विकास पदाधिकारी प्रवीण कुमार को पत्र लिखकर हस्तक्षेप का आग्रह किया है। इस आशय में अंकित ने माँग उठाया है कि छोटा गोविंदपुर जलापूर्ति योजना की क्षमता एवं क्षेत्र का विस्तार किया जाये ताकि पूर्वी घोड़ाबंधा अंतर्गत धुआँ कॉलोनी एवं धुमा बस्ती की बड़ी जनजातीय आबादी को स्वच्छ पेयजल की सुविधा से आच्छादित किया जा सके। इस मामले को ट्वीट करते हुए बीजीपी नेता ने विभागीय मंत्री मिथिलेश ठाकुर सहित भारत सरकार के जलशक्ति मंत्रालय के भी संज्ञान में लाया है ताकि इस विकट जनसमस्या का शीघ्र निराकरण हो।

● झारखंड निर्माण के दो दशक बाद भी जनजातीय बस्तियों तक नहीं पहुंचीं स्वच्छ पेयजल

धुआँ कॉलोनी एवं धुमा बस्ती के लोगों की पेयजल की समस्या पर चिंता व्यक्त करते हुए अंकित आनंद ने इस दुर्भाग्यपूर्ण बताया। कहा कि झारखंड निर्माण के दो दशक बाद भी जनजातीय वर्ग पेयजल जैसे मूलभूत अधिकार से वंचित है। वहीं ऐसी बड़ी आबादी की बस्तियों का पीएचईडी विभाग और स्थानीय जनप्रतिनिधियों की प्राथमिकता सूची में शामिल ना होना चिंताकारक है। कहा कि बस्ती के लोगों से बातचीत के क्रम में ज्ञात हुआ कि उनमें से कईयों को वन विभाग द्वारा पट्टा प्राप्त है। बताया कि विकट जलसमस्या से जूझ रही बड़ी आबादी के ग्रामीणों ने पिछली लॉकडाउन में श्रमदान कर 02 कुओं का निर्माण किया जिसे स्थानीय लोग नहाने एवं स्वच्छता के दैनिक उपयोगों में इस्तेमाल करते हैं।

● बस्तियों के बगल से बिछाई पाइपलाइन लेकिन चिराग तले अँधेरा

इन गाँवों से सटी घोड़ाबंधा थीम पार्क से होती हुई लुआबासा के इंटक वेल से हुडको ट्रीटमेंट वाटर प्लाट तक पानी पहुँचाई गई है। लेकिन दुर्भाग्य है कि इस जनजातीय आबादी वाली धुआँ कॉलोनी और धुमा बस्तियों की उपेक्षा और अनदेखी हुई है। जनजातीय सामुदाय की जीवन स्तर सुधारने को लेकर कार्ययोजनाओं का अभाव स्पष्ट देखी जा सकती है।

● गदड़ा,परसुडीह तक होगी जलापूर्ति लेकिन बगल की बस्तियाँ रहेंगी वंचित

छोटा गोविंदपुर जलापूर्ति योजना के संदर्भ में जानकारी जुटाने पर मालूम हुआ कि इस योजना के तहत गोविंदपुर होते हुए राहरगोड़ा, गदड़ा, परसुडीह सरीखे बड़ी आबादी स्वच्छ पेयजल से लाभान्वित होगी। लेकिन जहाँ पानी टंकी की निर्माण हुई है वहीं से बगल की धुआं कॉलोनी, धुमा कॉलोनी सहित कई ग्रामीण बस्तियों की उपेक्षा की गई है। इस मामले को उठाते हुए बीजेपी नेता अंकित आनंद ने जमशेदपुर डीसी एवं विभागीय सचिव से माँग किया है कि गोविंदपुर जलापूर्ति योजना की क्षमता का विस्तार बगल की बस्तियों तक भी पहुंचें ताकि जनजातीय आबादी लाभान्वित हो। कहा कि इस समस्या के निराकरण के लिए वे प्रतिबद्ध हैं और चरणबद्ध अभियान के तहत लगातार जिला प्रशासन का ध्यानाकर्षित करते रहेंगे।

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