रॉबर्ट वाड्रा की सियासी एंट्री पर ED की जांच बनी सबसे बड़ी बाधा, लगाया ‘राजनीतिक प्रतिशोध’ का आरोप
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न्यूज़टल डेस्क:17 अप्रैल 2025 को दिल्ली में रॉबर्ट वाड्रा लगातार तीसरे दिन प्रवर्तन निदेशालय (ED) के समक्ष पेश हुए। उनसे गुरुग्राम लैंड डील मामले में पूछताछ की गई, जो 2008 की शिखोहपुर जमीन खरीद-बिक्री से जुड़ा है। इस दौरान उनकी पत्नी और कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा भी साथ मौजूद रहीं, जिससे मामला राजनीतिक गलियारों में और भी चर्चा में आ गया।

वाड्रा ने ED की कार्रवाई को “राजनीतिक बदले की कार्रवाई” करार दिया और कहा कि सरकार जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि यह कार्रवाई तब तेज हुई जब उन्होंने अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाई। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या केवल विपक्षी नेताओं पर ही जांच होती है? क्या बीजेपी में कोई भी नेता दोषी नहीं?

राजनीति में आने की इच्छा जताते हुए वाड्रा ने कहा कि यदि जनता चाहती है, तो वह कांग्रेस के लिए पूरी ताकत से काम करेंगे। उनका मानना है कि ED की कार्रवाई उनकी संभावित सियासी पारी को रोकने की कोशिश है, लेकिन वह इस दबाव से डरने वाले नहीं हैं। वाड्रा ने यह भी कहा कि वह अन्याय के खिलाफ आवाज उठाते रहेंगे, चाहे इसके लिए उन्हें किसी भी जांच या उत्पीड़न का सामना क्यों न करना पड़े।