October 15, 2025

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टाटा स्टील फाउंडेशन द्वारा अब पश्चिम सिंहभूम में मध्याह्न भोजन की शुरुआत

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न्यूज़ टेल/चाईबासा: झारखंड सरकार, अन्नामृता फाउंडेशन और टाटा स्टील फाउंडेशन की संयुक्त पहल के रूप में पोषण के लिए मार्ग प्रशस्त करने की दिशा में मध्याह्न भोजन योजना के लिए सेंट्रल किचन का शुभारंभ हो गया है।

समतामूलक समाज के निर्माण और राज्य स्तर पर कुपोषण दूर करने के टाटा स्टील फाउंडेशन के विजन को आगे बढ़ाते हुए मध्याह्न भोजन योजना के तहत आज पश्चिमी सिंहभूम जिले के चाईबासा में एक सेंट्रलाइज़्ड किचन का उद्घाटन किया गया। यह कार्यक्रम टाटा स्टील फाउंडेशन, झारखंड सरकार और अन्नामृता फाउंडेशन द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया और जिले की युवा आबादी – सरकारी शिक्षा संस्थानों के स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को समर्पित किया गया ।

इस कार्यक्रम का शुभारंभ जोबा मांझी, महिला, बाल विकास और सामाजिक सुरक्षा मंत्री, झारखंड सरकार द्वारा दीपक बिरुआ, विधायक चाईबासा और गीता कोड़ा, संसद सदस्य, सिंहभूम, अनन्या मित्तल, आईएएस, उपायुक्त, पश्चिमी सिंहभूम, सुश्री किरण कुमारी पासी आईएएस, निदेशक, पीएम पोषण योजना, आशुतोष शेखर, आईपीएस, पुलिस अधीक्षक, पश्चिम सिंहभूम, सौरव रॉय, चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर, टाटा स्टील फाउंडेशन, और वरिष्ठ सरकारी अधिकारी, क्षेत्र के नागरिक, राजनीतिक नेता, टाटा स्टील और टाटा स्टील फाउंडेशन के अधिकारी की उपस्थिति में किया गया।

झारखंड सरकार और अन्नामृता फाउंडेशन के सहयोग से विकसित, सेंट्रलाइज्ड किचन का उद्देश्य पश्चिम सिंहभूम जिले के 523 स्कूलों और आठ ब्लॉकों में 63,000 से अधिक छात्रों को मध्याह्न भोजन परोसना है।

सभा को संबोधित करते हुए जोबा मांझी ने कहा कि: “मुझे उम्मीद है कि यह रसोई और यहां तैयार किया गया पौष्टिक भोजन पश्चिमी सिंहभूम के बच्चों के स्वास्थ्य को लाभ पहुंचाएगा। मैं हमारे जिले में सहयोग के लिए अन्नामृता फाउंडेशन और टाटा स्टील फाउंडेशन की शुक्रगुजार हूं।

अपने संबोधन में सौरव रॉय ने कहा कि: “देश भर में बहुत कम राज्य हैं जिनके पास न केवल विकास संबंधी जरूरतों की एक श्रृंखला है, बल्कि विकासात्मक समाधान की दिशा में काम करने की अपार संभावनाएं हैं। यह रसोई धीरे-धीरे हमें विकास का एक मॉडल तैयार करने में मदद कर सकती है जिसे पूरे देश में समान विकास के मुद्दों से जूझ रहे क्षेत्रों में दोहराया जा सकता है।

यह परियोजना पूर्वी सिंहभूम में सफलतापूर्वक चलाये जा रहे ऐसी ही पहल से प्रेरित है, जहां इस प्रयास को जबरदस्त सफलता मिली है और वर्तमान में 428 स्कूलों में लगभग 52,000 छात्रों को दैनिक आधार पर भोजन परोसा जा रहा है। अन्नामृता फाउंडेशन के वाइस चेयरमैन संजय टिक्कू ने कहा कि: “सामाजिक मुद्दे के रूप में कुपोषण का समाधान धीमी गति से चल रहा है, हालांकि हम अपने कार्यक्रम के परिणाम और प्रभाव में विश्वास करते हैं। हम स्कूली बच्चों को यथासंभव अधिक से अधिक पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

यह किचन जमशेदपुर-कलिंगानगर कॉरिडोर पर स्थित स्कूलों को सेवा देनेवाली एक अनोखी पहल है जो विकास की एक अनोखी इबारत लिखेगी। परियोजना पूरी होने के बाद इस रसोई को स्थापित करने की कुल लागत 10 करोड़ रुपये से अधिक होगी। जबकि झारखंड सरकार द्वारा 1.8 एकड़ की भूमि प्रदान की गई है, टाटा स्टील फाउंडेशन बुनियादी ढांचे की स्थापना का कार्यभार संभालेगा। इसके बाद अन्नमित्र रसोई के रोजमर्रा के कार्यों को देखेंगे, जो आज से 13 महीने बाद शुरू होने वाला है।

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