बिहार चुनाव से पहले सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, SIR प्रक्रिया पर रोक लगाने से किया इनकार
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बिहार:बिहार विधानसभा चुनाव से पहले विपक्ष को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने मतदाता सूची संशोधन प्रक्रिया यानी SIR (Special Intensive Revision) पर अंतरिम रोक लगाने से इनकार कर दिया है। यह याचिका राजद सांसद मनोज झा और गैर-सरकारी संगठन ADR समेत कई पक्षों ने दायर की थी, जिसमें चुनाव आयोग के इस कदम को संविधान के अनुच्छेद 14, 19, 21, 325, 326 और जनप्रतिनिधित्व कानून 1950 का उल्लंघन बताया गया था।

याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि SIR प्रक्रिया मुस्लिम, दलित और पिछड़े वर्ग के लोगों को टारगेट कर रही है और उन्हें वोटिंग अधिकार से वंचित किया जा रहा है। उनका कहना है कि यह प्रक्रिया अपारदर्शी है और इसमें नागरिकों पर अपनी नागरिकता और माता-पिता की नागरिकता साबित करने की जिम्मेदारी डाल दी गई है। आधार और राशन कार्ड जैसे सामान्य दस्तावेजों को अस्वीकार कर दिया गया है, जिससे गरीब और हाशिए पर रहने वाले वर्ग प्रभावित होंगे।

चुनाव आयोग ने अपने पक्ष में तर्क देते हुए कहा कि SIR का उद्देश्य मतदाता सूची को शुद्ध करना है, जिसमें मृत लोगों के नाम हटाना और अवैध प्रवासियों की पहचान करना शामिल है। आयोग ने यह भी कहा कि यह प्रक्रिया 2003 के बाद पहली बार हो रही है और इसका मकसद चुनाव को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाना है। हालांकि, याचिकाकर्ताओं का कहना है कि चुनाव से कुछ महीने पहले की गई यह कवायद जल्दबाजी है और इसमें उचित समय सीमा व प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है।