झारखंड : हाईस्कूल शिक्षकों की नियुक्ति रद्द करने के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट की रोक

झारखंड की नियोजन नीति को अवैध बताते हुए राज्य के 13 अनुसूचित जिलों में शिक्षकों की नियुक्ति रद्द करने के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस आर सुभाष रेड्डी और जस्टिस एमआर साह की बेंच ने इस मामले में झारखंड सरकार,कर्मचारी चयन आयोग समेत सभी पक्षों को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई चार नवंबर को होगी। हाईकोर्ट के आदेश को वैसे शिक्षकों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है,जिनकी नियुक्ति रद्द हो गयी थी।
सुप्रीम कोर्ट नेगैर अनुसूचित जिलें में चल रही नियुक्ति प्रक्रिया पर किसी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं किया है। इस कारण इन जिलों में नियुक्ति प्रक्रिया जारी रहेगी। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद राज्य सरकार शिक्षकों की सेवा अंतरिम रूप से जारी रख सकती है, लेकिन यह इस मामले के अंतिम आदेश से प्रभावित होगी। झारखंड हाईकोर्ट ने 21 सितंबर को राज्य की नियोजन नीति को रद्द कर दिया था। इस नीति के आधार पर 13 अनुसूचित जिलों में हाईस्कूल शिक्षकों की नियुक्ति रद्द करते हुए सरकार को फिर से नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया था।
सुप्रीम कोर्ट में शिक्षकों की ओर से पक्ष रखते हुए सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने अनुसूचित जिलों में शिक्षकों की नियुक्ति रद्द करने को गलत बताया। अदालत को बताया गया कि सभी अभ्यर्थियों ने सरकार की नीति, नियम और शर्तों का पालन करते हुए आवेदन दिया था। इसी आधार पर उनकी नियुक्ति की गयी है। इसके बाद अदालत ने शिक्षकों की नियुक्ति रद्द करने के आदेश पर रोक लगाते हुए सभी पक्षों को नोटिस जारी किया।