टोक्यो ओलंपिक सलीमा से राज्य के खेल प्रेमियों की है उम्मीदे

सिमडेगा: टोक्यो में आयोजित ओलिंपिक में महिला हॉकी टीम की खिलाड़ी सलीमा टेटे के परिवार व गांव के ग्रामीण परंपरागत खेती धान रोपने के लिए बुधवार अहले सुबह खेतों में पूरे तन्मयता के साथ धान रोपने के काम में व्यस्त हैं। खेत में धान रोपने के साथ अपनी बेटी सलीमा के मैच का आनंद लेने व उत्साह उमंग देखने लायक है । सलीमा की मां सुभानी व उनकी तीन बहने भाई धान रोपने की कार्य में पूरे उत्साह के साथ व्यस्त दिखी। हालांकि सलीमा को इस मुकाम तक पहुंचाने में सलीमा की बहन व भाई ने मजदूरी कर कर आर्थिक सहयोग किया । वही उसे निखारने में हॉकी सिमडेगा के अध्यक्ष मनोज कोनबेगी का महत्वपूर्ण योगदान । अभाव के बीच साधारण बांस के स्टिक से हॉकी का सफर शुरू करने वाली सलीमा नित्य आगे ही बढती रही । सलीमा यूथ ओलिंपिक जूनियर टीम का नेतृत्व कर चुकी है। 2016 नवंबर में सलीमा का चयन सीनियर महिला टीम के लिए हुआ टीम ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गई । उसके बाद 2018 में यूथ ओलंपिक में सलीमा को जूनियर भारतीय महिला हॉकी टीम का कप्तान बनी सलीमा के नेतृत्व में टीम ने कांस्य पदक जीता। जिसके बाद 2019 में सलीमा का चयन सीनियर भारतीय महिला हॉकी टीम मे फिर ओलिंपिक में भाग लेने वाली टीम का सदस्य बनीं। अपने खेल की बदौलत सलीमा हमेशा टीम का अहम हिस्सा रही।हॉकी के क्षेत्र में पहचान बना चुकी सलीमा टेटे का चयन पहली बार 2014 में हुआ था । झारखंड टीम का हिस्सा बनी. जो टीम हॉकी इंडिया द्वारा पुणे में आयोजित राष्ट्रीय सब जूनियर महिला प्रतियोगिता में भाग लिया था इस दौरान आर्थिक तंगी सलीमा के लिए बहुत बड़ी परेशानी थी । पुणे में कार्य कर रहे उसके भाई व बहन ने आर्थिक सहयोग कर उसे आवश्यक खर्च करने का निर्देश दिया था । टीम ने रजत पदक प्राप्त किया 2016 में सलीमा का चयन जूनियर भारतीय महिला हॉकी टीम में हुआ. जूनियर भारतीय महिला टीम के साथ स्पेन दौरे पर गई, जो उनका पहला अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट था इस दौरान हॉकी संघ के अध्यक्ष मनोज कौनबेगी ने इनका सहयोग व मार्गदर्शन किया था।उसी साल बैंकाक में आयोजित 18 एशिया कप के लिए जूनियर भारतीय महिला टीम का वाइस कैप्टन सलीमा को बनाया गया. जिसमे टीम कांस्य पदक प्राप्त किया था.
हॉकी के नर्सरी से निकली सलीमा को निखारने मे मनोज का बड़ा योगदान
सिमडेगा जिला के सदर प्रखंड बड़की छापर गांव की सलीमा टेटे के माता का नाम सुभानी टेटे और पिता का नाम सुलक्षण टेटे के पांच संतानों में चौथी सलीमा को बचपन से ही घर में हॉकी का माहौल मिला क्योंकि उनके पिता भी हॉकी के अच्छे खिलाड़ी रहे हैं। झारखंड के सिमडेगा जिले को हॉकी की नर्सरी कहा जाता है. यहां की मिट्टी ने देश और राज्य को हॉकी के कई बेहतरीन खिलाड़ी दिये हैं. किसान परिवार से आने वाली सलीमा टेटे जिला की महिला ओलंपियन खिलाड़ी है । पिता के साथ सलीमा हर साल सिमडेगा जिला में होने वाले लट्ठाखम्हन हॉकी प्रतियोगिता में खेलने के जाती थी । मैच के आयोजक सह सचिव मनोज कोनबेगी की नजर सलीमा पर पड़ी । मनोज ने सलीमा को हॉकी के खिलाड़ी के रूप में तराशना व निखारने का कार्य किया । हॉकी एस्ट्रोटर्फ स्टेडियम में लाकर नित्य प्रशिक्षण देने लगे जहां से उसे बेस्ट प्लेयर का अवार्ड भी मिला था।
महिमा भी हॉकी मैं राज्य का प्रतिनिधित्व कर रही है।
सलीमा की छोटी बहन महिमा टेटे भी हॉकी की खिलाड़ी है वे भी झारखंड का प्रतिनिधित्व करती है। सलीमा की शुरुआती पढाई कोनबेगी स्कूल में हुई है उसके बाद उसने कन्या पाठशाला से आगे की पढ़ाई की. महीमा टेटे ने कहा की सलीमा का ओलिंपिक में चयन होने के बाद वो काफी खुश है. उसे विश्वास है कि इस बार इंडिया का ओलिंपिक में बढ़िया प्रदर्शन रहेगा । छठ महिमा का भी सपना देश के लिए ओलंपिक खेलने का है