सीतारमण का विपक्षी दलों पर सीधा हमला
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अविश्वाश प्रस्ताव पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विपक्षी दलों के मंत्रियो को निशाना पे लिया । तमिलनाडु विधानसभा में जयललिता की साड़ी खींचे जाने का भी उन्होंने ने ज़िक्र करते हुए और डीएमके संसद पर हमला बोला ।
डीएमके सांसद कनिमोझी ने संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान सदन में कहा था, “जो लोग महाभारत को ध्यान से पढ़ते हैं, उन्हें पता होगा कि अंत में केवल द्रौपदी के अपराधियों को ही सज़ा नहीं मिली, बल्कि उस दौरान चुप रहने वालों को भी सजा मिली. जिस तरह वे (केंद्र) हाथरस, कठुआ, उन्नाव, बिलकिस बानो और पहलवानों के विरोध प्रदर्शन पर चुप थे, उसी तरह उन्हें भी सजा दी जाएगी.”
1989 की घटना को याद करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा-
“मैं इस बात से सहमत हूं कि मणिपुर, दिल्ली, राजस्थान – कहीं भी महिलाओं की पीड़ा को गंभीरता से लेना होगा. कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए लेकिन इस सदन में द्रौपदी की बात हुई, मैं इस पूरे सदन को 25 मार्च 1989 को तमिलनाडु विधानसभा में हुई एक घटना की याद दिलाना चाहती हूं.”
निर्मला सीतारमण ने कहा, “तब वह (जयललिता) सीएम नहीं बनी थीं. तमिलनाडु में विधानसभा में जयललिता की साड़ी खींची गई थी. वे नेता प्रतिपक्ष थीं. जब उनकी साड़ी उस पवित्र सदन में खींची गई, वहां बैठे सत्ताधारी डीएमके सदस्यों ने उनके साथ धक्का-मुक्की की और उन पर हंस रहे थे. क्या डीएमके जयललिता को भूल गई है? आपने उनकी साड़ी खींची, आपने उन्हें अपमानित किया.”
जयललिता ने ली थी शपथ– सीतारमण
सीतारमण ने कहा, “उस दिन जयललिता ने शपथ ली कि जब तक वह सीएम नहीं बनेंगी, सदन में कभी नहीं आएंगी. दो साल बाद, वह तमिलनाडु की सीएम के रूप में लौटीं. जिन्होंने सदन में महिला की साड़ी खींची, उस पर हंस रहे थे. आज वे द्रौपदी की बात कर रहे हैं.”
