करम पूजा में उमड़ी श्रद्धा और उल्लास, बहनों ने भाई की सलामती के लिए रखा उपवास
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झारखंड में आज परंपरा, संस्कृति और आस्था का अनोखा संगम देखने को मिला। प्रकृति के साथ करम डाल यानी पेड़ की पूजा कर बहनों ने अपने भाई की लंबी उम्र और सलामती की दुआ करते हुए करम पूजा धूमधाम से मनाई।पूरे विधान से पूजा-पाठ करने के बाद करम डाल का विसर्जन किया गया। खासकर उरांव समाज के लोग ढोल-नगाड़ों की थाप पर नाच-गाकर इस पर्व को उल्लासपूर्वक मनाते हुए नजर आए।करम पूजा मानने वाले श्रद्धालुओं का कहना है कि इसकी तैयारी दो महीने पहले से शुरू कर दी जाती है।

पूजा के दौरान करम डाल की आराधना की जाती है और पारंपरिक नृत्य-गीत के साथ इसे सामूहिक रूप से मनाया जाता है।वहीं उपवास रखकर पूजा करने वाली बहनों ने कहा कि करम पर्व केवल भाई की सलामती ही नहीं, बल्कि प्रकृति के संरक्षण और संतुलन का भी संदेश देता है।

बहनों ने कहा – “हम प्रकृति की पूजा करते हैं और भाई की सुरक्षा की दुआ करते हैं, साथ ही उम्मीद करते हैं कि भाई भी हमारी सुरक्षा सुनिश्चित करें।”इस तरह करम पूजा ने एक बार फिर यह संदेश दिया कि यह पर्व न सिर्फ भाई-बहन के रिश्ते की मजबूती का प्रतीक है, बल्कि प्रकृति के प्रति आस्था और कृतज्ञता का भी अद्वितीय उदाहरण है।