विधानसभा में सरयू राय ने स्वास्थ्य मंत्री पर लगाया विशेषाधिकार हनन का आरोप, झारखंड फार्मेंसी काउंसिल में अनियमित नियुक्ति का मामला गरमाया
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                जमशेदपुर:जमशेदपुर पश्चिम के विधायक सरयू राय ने विधानसभा में स्वास्थ्य मंत्री और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पेश किया। यह कदम उठाते हुए उन्होंने कहा कि विधानसभा में किसी सदस्य के सवाल का गलत और गुमराह करने वाला उत्तर देना न सिर्फ सदन की अवमानना है, बल्कि यह सदस्य के अधिकारों का भी हनन है।

21 मार्च, 2025 को स्वास्थ्य मंत्री द्वारा उनके द्वारा पूछे गए अल्पसूचित प्रश्न का गलत जवाब दिए जाने पर सरयू राय ने यह कदम उठाया। राय के अनुसार, उनका प्रश्न झारखंड राज्य फार्मेंसी काउंसिल में निबंधक-सह-सचिव के पद पर अनियमित तरीके से हुई नियुक्ति के बारे में था, जिसमें यह पूछा गया था कि कैसे एक फार्मासिस्ट का पंजीयन एक से अधिक स्थानों पर है और फिर भी उसे यह महत्वपूर्ण पद सौंपा गया।

सरयू राय ने आरोप लगाया कि सरकार ने सदन में इस मामले की गंभीरता को छिपाया और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने उन्हें गुमराह किया। इस संदर्भ में एक जांच रिपोर्ट भी आई थी, जिसमें यह साफ हुआ कि संबंधित व्यक्ति का पंजीयन अलग-अलग स्थानों पर किया गया है। बावजूद इसके, सरकार ने इस महत्वपूर्ण तथ्य को सार्वजनिक नहीं किया।

राय ने कहा कि विधानसभा प्रक्रिया के तहत इस प्रकार के भ्रामक उत्तर देना विशेषाधिकार हनन का मामला बनता है। उन्होंने विधानसभा के अनुच्छेद 186 के तहत इस प्रस्ताव को प्रस्तुत किया और कहा कि अगर कम से कम 8 सदस्य इस प्रस्ताव के समर्थन में खड़े होते हैं, तो इसे स्वीकृति मिलनी चाहिए।

भाजपा, जदयू, लोजपा और आजसू के सभी विधायक इस प्रस्ताव के पक्ष में खड़े हो गए। इसके बाद, सभाध्यक्ष ने इस पर विचार करने की बात कही और विधिसम्मत कार्रवाई की बात की।इस विवाद ने झारखंड राज्य फार्मेंसी काउंसिल की कार्यशैली और स्वास्थ्य विभाग की पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।