संवाद 2025: जमशेदपुर में जनजातीय संस्कृति का महाकुंभ, 15 से 19 नवंबर तक गोपाल मैदान में देशभर की 153 जनजातियों का संगम
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जमशेदपुर के गोपाल मैदान में इस वर्ष संवाद 2025 का आयोजन 15 से 19 नवंबर तक भव्य रूप में किया जाएगा। टाटा स्टील फाउंडेशन द्वारा आयोजित यह आदिवासी संस्कृति का वार्षिक उत्सव अपने 12वें संस्करण में प्रवेश कर रहा है। कार्यक्रम का शुभारंभ धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के अवसर पर होगा। इस पांच दिवसीय आयोजन में देश के 24 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों की 153 जनजातियों के करीब 2500 प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे, जो अपने कला, संस्कृति, परंपरा और जीवनशैली की अनूठी झलक पेश करेंगे।कार्यक्रम की शुरुआत पहले दिन शाम 4 बजे से होगी, जहां ट्राइबल आर्ट और हैंडीक्राफ्ट की भव्य प्रदर्शनी में 28 जनजातियों के 117 कलाकार 31 पारंपरिक कलाओं का प्रदर्शन करेंगे। साथ ही समुदाय आधारित फिल्मों की स्क्रीनिंग भी की जाएगी। 16 नवंबर को सुबह 8:30 बजे से पारंपरिक अखरा का आयोजन होगा, जिसमें जनजातीय नृत्य और संगीत की रंगारंग प्रस्तुतियाँ होंगी। इसी दिन पारंपरिक उपचार पद्धतियों ट्राइबल हीलिंग प्रैक्टिस का भी प्रदर्शन किया जाएगा।संवाद 2025 का एक प्रमुख आकर्षण आदिवासी व्यंजन होंगे, जिनका स्वाद हर आगंतुक को लुभाएगा। 60 होम कुक्स द्वारा तैयार 135 पारंपरिक रेसिपी पांचों दिन अलग-अलग मेन्यू में परोसी जाएंगी। यह आयोजन न केवल जनजातीय समुदाय की कला और संस्कृति को मंच प्रदान करता है, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोज़गार और स्वावलंबन के अवसर भी सृजित करता है। टाटा स्टील ने 15 नवंबर 2014 को इस पहल की शुरुआत की थी, जो अब देश के सबसे बड़े जनजातीय संस्कृति उत्सवों में शुमार हो चुका है।