मदर्स डे पर सलाम उन मांओं को, जिन्होंने बेटियों को बनाया देश का गौरव
न्यूज़टेल डेस्क:मदर्स डे के खास मौके पर देश उन माताओं को नमन कर रहा है जिन्होंने अपनी बेटियों को न केवल सपने देखने की आज़ादी दी, बल्कि उन्हें जांबाज भी बनाया। मुजफ्फरपुर की नौसेना की पहली महिला पायलट शिवांगी, दरभंगा की फाइटर पायलट भावना कंठ और थलसेना में कैप्टन सुमिषा शंकर जैसी बेटियों की सफलता के पीछे उनकी मांओं का त्याग, समर्थन और प्रेरणा छुपी है। इन महिलाओं ने बेटियों को ऐसे पंख दिए, जिससे वे देश के आसमान में गौरव बनकर चमकीं।

शिवांगी की मां प्रियंका बताती हैं कि उनकी बेटी ने बचपन में ही तय कर लिया था कि वह पायलट बनेगी। उनकी मां ने बेटी के इस सपने को अपनी जिंदगी बना लिया और हर कदम पर उसका साथ दिया। वहीं भावना कंठ की मां राधा देवी ने बेटी को भारतीय वायुसेना में फाइटर पायलट बनने के लिए हमेशा प्रोत्साहित किया और उसका मार्गदर्शन किया। भावना ने जून 2016 में देश के तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर से कमीशन प्राप्त कर पूरे बिहार का नाम रोशन किया।

गौशाला रोड निवासी डॉ. पुष्पा प्रसाद की बेटी सुमिषा शंकर ने मां को एनसीसी में काम करते देखा और वहीं से सेना में जाने का सपना देखा। मां ने बेटी के अनुशासन और समर्पण को देखकर उसे हरसंभव सहयोग दिया। आज जब लोग उन्हें ‘कैप्टन सुमिषा की मां’ कहते हैं तो वह गर्व से भर जाती हैं। ये कहानियां बताती हैं कि जब मां अपने बच्चे के सपनों के साथ खड़ी होती है, तब बेटियां भी देश की शान बन जाती हैं।