जम्मू-कश्मीर विधानसभा में पहलगाम आतंकी हमले की निंदा, आतंक के खिलाफ एकजुटता का संकल्प
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न्यूज टेल डेस्क : जम्मू-कश्मीर विधानसभा ने पहलगाम में पिछले सप्ताह हुए बर्बर आतंकवादी हमले पर दुख और पीड़ा व्यक्त करते हुए एक प्रस्ताव पेश किया। सभी विधायकों ने सर्वसम्मति से संकल्प लिया कि वे सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने और राज्य के विकास में बाधा डालने के नापाक इरादों को विफल करने के लिए दृढ़ता से लड़ेंगे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि माफी मांगने के लिए उनके पास शब्द नहीं हैं और उन्होंने मृतकों के परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की।

उमर ने कहा कि कोई भी कश्मीरी इस हमले का समर्थन नहीं करता और पहली बार 26 वर्षों में उन्होंने कश्मीरियों को आतंक के खिलाफ सड़कों पर उतरते देखा।मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि कश्मीर के लोग किसी नेता या विधायक के कहने पर नहीं, बल्कि अपने मन से आतंकवाद के खिलाफ आवाज उठाने के लिए घरों से बाहर आए।

उन्होंने बताया कि इस हमले ने पूरे कश्मीर को झकझोर कर रख दिया है और शायद ही कोई गांव या शहर बचा हो जहां लोगों ने हमले के विरोध में प्रदर्शन न किया हो। उमर ने कहा कि पर्यटकों की सुरक्षा सरकार की जिम्मेदारी थी और इस दर्दनाक घटना ने सबको गहरे सदमे में डाल दिया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस जनसरोकार के लिए कोई भी राजनीतिक लाभ लेने का दावा नहीं कर सकता।

विधानसभा में प्रस्ताव का समर्थन करते हुए मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने हमले में मारे गए सभी मृतकों के नाम लेकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले तक विधानसभा में सामान्य बजट और अन्य मुद्दों पर चर्चा हो रही थी, लेकिन किसी ने कल्पना नहीं की थी कि इतना दुखद अवसर सामने आएगा। उमर ने बताया कि मंत्रिमंडल की आपात बैठक में निर्णय लिया गया कि राज्यपाल से विशेष सत्र बुलाने का अनुरोध किया जाएगा ताकि पहलगाम हमले पर गंभीर चर्चा की जा सके और भविष्य की रणनीति तय की जा सके।