दिल्ली में 60,000 महिलाओं की पेंशन बंद: सर्वे में अयोग्य पाई गईं, रेखा सरकार ने हटाया नाम
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न्यूज़टेल डेस्क:दिल्ली सरकार द्वारा चलाई जा रही विधवा पेंशन योजना में बड़ी अनियमितता सामने आई है। महिला एवं बाल विकास विभाग के डोर-टू-डोर सर्वे में यह पता चला कि करीब 60,000 महिलाएं इस योजना की पात्रता नहीं रखती थीं, फिर भी वे पेंशन का लाभ ले रही थीं। जांच के बाद मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के निर्देश पर इन सभी नामों को योजना की लाभार्थी सूची से हटा दिया गया है।

सर्वे के दौरान यह पाया गया कि कुछ महिलाएं विधवा नहीं थीं या फिर उन्होंने पुनर्विवाह कर लिया था, लेकिन इसकी जानकारी विभाग को नहीं दी। कई ने दस्तावेजों में झूठी जानकारी देकर पेंशन लेना जारी रखा था। योजना के तहत 18 वर्ष से अधिक उम्र की संकटग्रस्त महिलाओं को ₹2,500 मासिक पेंशन दी जाती है। सरकार का कहना है कि यह योजना केवल उन जरूरतमंदों तक पहुंचे, जिनका वास्तव में इस पर अधिकार है।

यह योजना वर्ष 2007 में शुरू हुई थी और अब तक इसमें लगभग 3.5 लाख महिलाएं पंजीकृत हो चुकी हैं। रेखा सरकार का कहना है कि भविष्य में भी ऐसे सत्यापन अभियान जारी रहेंगे ताकि पारदर्शिता बनी रहे और अपात्र लोगों को समय रहते बाहर किया जा सके। सरकार ने महिलाओं से अपील की है कि यदि उनकी पारिवारिक या आर्थिक स्थिति में कोई बदलाव हो तो वे स्वेच्छा से विभाग को इसकी सूचना दें।