जातीय जनगणना पर प्रशांत किशोर का नीतीश सरकार पर तीखा हमला, 1 महीने में जवाब नहीं मिला तो होगा बड़ा ऐलान
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पटना:पटना में आयोजित प्रेस वार्ता में जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जातीय जनगणना को लेकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पिछले 2-3 वर्षों में जातीय जनगणना के नाम पर केवल राजनीतिक रोटियाँ सेंकी गई हैं और सरकार की मंशा किसी भी जाति के उत्थान की नहीं रही है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि 500 करोड़ रुपये खर्च होने के बावजूद जनगणना का उद्देश्य केवल दिखावा था।

प्रशांत किशोर ने यह सवाल भी उठाया कि नीतीश सरकार द्वारा शुरू किया गया भूमि सर्वे और दलितों को ज़मीन देने की योजना अब तक ठप क्यों है। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस मुद्दे को केवल घोषणा तक ही सीमित रखा है, जबकि ज़मीनी स्तर पर कोई ठोस काम नहीं हुआ। उन्होंने नीतीश कुमार से मांग की कि एक महीने के भीतर इन योजनाओं पर स्पष्ट जवाब दें।

पीके ने सरकार को साफ चेतावनी दी कि यदि एक महीने के भीतर जनगणना, भूमि सर्वे और दलितों के हक़ की ज़मीन के मुद्दे पर जवाब नहीं मिला, तो वह बड़ा निर्णय लेंगे। उन्होंने कहा कि बिहार के लोगों को केवल जाति के नाम पर गुमराह किया जा रहा है, और यह अब बंद होना चाहिए। इस बयान के साथ बिहार की राजनीति में हलचल मच गई है।