सोना देवी विश्वविद्यालय में फ्रेशर्स वीक पर खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन।
न्यूज टेल डेस्क: सोना देवी विश्वविद्यालय में फ्रेशर्स वीक के दूसरे दिन खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। इस दौरान खेल प्रशिक्षिका कोमल सिन्हा ने विद्यार्थियों को जीवन में खेल के महत्व के बारे में बताया और मेजर ध्यानचंद की जीवनी से प्रेरक प्रसंग साझा किए। वहीं, खेल प्रशिक्षक डॉ. अनिल जॉन बिलुंग ने छात्रों को विभिन्न इनडोर और आउटडोर खेलों की जानकारी दी, जो विश्वविद्यालय परिसर में उपलब्ध हैं। प्रतियोगिताओं में विजयी प्रतिभागियों को मेडल और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।

एआई को खतरा नहीं, भविष्य का सशक्त उपकरण मानें : डॉ. मजूमदार
फ्रेशर्स वीक के पहले सत्र में सिस्टर निवेदिता विश्वविद्यालय, कोलकाता के कंप्यूटर विज्ञान विभाग के प्रोफेसर डॉ. राणा मजूमदार वर्चुअल माध्यम से जुड़े और विद्यार्थियों को प्रेरक संबोधन दिया। उन्होंने कहा कि सफलता निरंतर सीखने और अनुकूलनशीलता से मिलती है। डॉ. मजूमदार ने छात्रों से अपील की कि वे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को खतरे के रूप में नहीं, बल्कि भविष्य के लिए एक शक्तिशाली उपकरण के रूप में देखें। उन्होंने एआई के माध्यम से कौशल विकास, वास्तविक समस्याओं के समाधान और नए अवसरों के सृजन पर जोर दिया।

खेलों से सीखें टीम वर्क और अनुशासन : एचआर सोमा पात्रा
विश्वविद्यालय की एचआर श्रीमती सोमा पात्रा ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि खेलों के माध्यम से सहयोग और प्रतियोगिता की भावना को अच्छी तरह सीखा जा सकता है। जिस तरह खेल में टीम वर्क का महत्व है, उसी तरह जीवन में सफलता पाने के लिए भी सहयोग और प्रतिस्पर्धा दोनों जरूरी हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को अनुशासन का महत्व समझाते हुए कहा कि पढ़ाई और खेल – दोनों में सफलता पाने के लिए अनुशासन ही सबसे बड़ी कुंजी है।