रंभा कॉलेज ऑफ एजुकेशन में एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार: आध्यात्मिक बुद्धिमत्ता और शिक्षा का महत्व

जमशेदपुर:रंभा कॉलेज ऑफ एजुकेशन में एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया, जिसका विषय था “मानवतावादी और समग्र शिक्षा के लिए आध्यात्मिक बुद्धिमत्ता: बदलते संदर्भ में भावी शिक्षकों की भूमिका”। इस सेमिनार में झारखंड, पश्चिम बंगाल और उड़ीसा से आए शिक्षाविदों और गणमान्य लोगों ने भाग लिया।

सेमिनार का उद्घाटन अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। सचिव गौरव कुमार बचन ने स्वागत वक्तव्य दिया और अपनी पुस्तक “द ब्लूप्रिंट ऑफ कॉलेज मैनेजमेंट” का लोकार्पण किया। मुख्य वक्ता डॉ. रमाकांत महालिक ने पंचकोश ज्ञान को जीवन में उतारने की आवश्यकता पर बल दिया।

अन्य वक्ताओं ने आध्यात्मिक बुद्धिमत्ता, शिक्षक की भूमिका और मूल्य आधारित शिक्षा पर अपने विचार रखे।सेमिनार में 17 ऑफलाइन और 11 ऑनलाइन पेपर प्रस्तुत किए गए। झारखंड लोक नृत्य की प्रस्तुति हुई और प्रतिभागियों के बीच प्रमाण पत्र वितरित किए गए। सेमिनार का संचालन डॉ. सुमन लता और असिस्टेंट प्रोफेसर ऐश्वर्या कर्मकार ने किया।

सेमिनार का उद्देश्य मानवतावादी और समग्र शिक्षा के लिए आध्यात्मिक बुद्धिमत्ता के महत्व को समझाना था। सेमिनार में भाग लेने वाले शिक्षाविदों और छात्रों ने इस विषय पर अपने विचार रखे और चर्चा की। इस सेमिनार ने शिक्षकों और छात्रों को आध्यात्मिक बुद्धिमत्ता के महत्व को समझने और इसके अनुप्रयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित किया।