बिहार के छह जिलों में युद्ध जैसे हालात की तैयारी के लिए मॉक ड्रिल, सुरक्षा एजेंसियों ने परखी नागरिक सतर्कता
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बिहार:जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद देशभर में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सतर्कता बढ़ा दी गई है। इसी क्रम में बुधवार, 7 मई को बिहार के छह जिलों में युद्ध जैसी आपात स्थिति से निपटने के लिए मॉक ड्रिल आयोजित की गई। इस अभ्यास के तहत हवाई हमले की चेतावनी के रूप में सायरन बजाए गए और नागरिकों को बंकरों या मजबूत इमारतों में शरण लेने का अभ्यास कराया गया। पटना, बेगूसराय, बरौनी, पूर्णिया और कटिहार जैसे संवेदनशील जिलों में यह ड्रिल केंद्र सरकार के निर्देश पर की गई।

बेगूसराय में विशेष तौर पर शाम 7 बजे से 10 मिनट के लिए बिजली आपूर्ति बंद कर दी गई ताकि क्रैश ब्लैकआउट की प्रक्रिया का अभ्यास किया जा सके। बरौनी रिफाइनरी जैसे औद्योगिक क्षेत्रों को सुरक्षा के लिहाज से श्रेणी-2 में रखा गया है। मॉक ड्रिल के दौरान प्राथमिक चिकित्सा, हॉटलाइन टेस्टिंग, कंट्रोल रूम एक्टिवेशन और स्वयंसेवकों द्वारा जागरूकता अभियान चलाए गए। एनसीसी, एनएसएस, होमगार्ड और सिविल डिफेंस के वालंटियर्स ने इसमें सक्रिय भागीदारी निभाई।

‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारतीय सेना द्वारा पीओके में आतंकी ठिकानों पर की गई कार्रवाई के बाद इस मॉक ड्रिल की अहमियत और बढ़ गई है। नेताओं और अधिकारियों ने लोगों से मॉक ड्रिल को गंभीरता से लेने और अभ्यास में सहयोग करने की अपील की। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने सेना के शौर्य को सलाम करते हुए इसे देश की सुरक्षा के लिए जरूरी कदम बताया। इस मॉक ड्रिल के जरिए न केवल नागरिकों की तैयारियों का आकलन हुआ, बल्कि सामूहिक सतर्कता और समन्वय की भावना भी मजबूत हुई।