मिडिल ईस्ट जल उठा, ईरान का इजरायल पर भीषण हमला, अमेरिका बना रक्षक।
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न्यूज टेल डेस्क: 13 जून की रात मिडिल ईस्ट जंग के मैदान में तब्दील हो गया। ईरान ने ‘ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस-3’ के तहत इजरायल की राजधानी तेल अवीव पर 100 से ज्यादा बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं। आसमान लाल हो गया, शहर में अफरा-तफरी मच गई। आयरन डोम और डेविड स्लिंग डिफेंस सिस्टम को चकमा देकर कई मिसाइलें अपने निशाने पर लगीं, जिससे व्यापक तबाही हुई।

तेहरान से जवाबी हमला, इजरायल ने सुबह ही किया था ‘राइजिंग लायन’ ऑपरेशन।
ईरान का हमला इजरायल के ‘ऑपरेशन राइजिंग लायन’ का जवाब था, जिसमें इजरायली फाइटर जेट्स ने तेहरान और नतांज में सैन्य और परमाणु ठिकानों को तबाह किया। इस हमले में 100 से अधिक ईरानी मारे गए, जिनमें सेना के उच्चाधिकारी और परमाणु वैज्ञानिक भी शामिल थे। इसके बाद ईरान ने पूरी ताकत से पलटवार किया

अमेरिका ने थामा मोर्चा, लाखों जानें बचीं, अब तक 1 मृत, 70 घायल।
ईरान के हमले में जब इजरायल अकेले पड़ गया, तब अमेरिका ने मोर्चा संभाला। अमेरिकी मिसाइल डिफेंस सिस्टम और फाइटर जेट्स ने कई मिसाइलों को हवा में ही नष्ट किया। PTI के अनुसार, अमेरिका ने अपने हथियार सिस्टम इजरायल के पास तैनात कर दिए हैं। अब तक 1 व्यक्ति की मौत और 70 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।