महिलाओं की समस्याओं के समाधान में समाज की सामूहिक जिम्मेदारी आवश्यक: ममता कुमारी

न्यूज टेल डेस्क: जमशेदपुर के होटल कैनलाइट में श्रमजीवी महिला समिति ने अपनी स्थापना के 30 वर्ष पूर्ण होने पर भव्य समारोह का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय महिला आयोग, भारत सरकार की सदस्य ममता कुमारी मुख्य अतिथि रहीं। कार्यक्रम में पद्मश्री पाम राजपूत, नेशनल एलायंस ऑफ वीमेन ऑर्गेनाइजेशन्स की ललिता मिसाल, ‘जागोरी’ दिल्ली की गीता नंबिसन, प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता वासवी किरो और मोनिमय सिन्हा विशेष अतिथि के रूप में शामिल हुए। समिति की अध्यक्ष अंजलि बोस और सचिव एवं संस्थापक सदस्य पुरबी पॉल ने समिति की तीन दशक लंबी संघर्षपूर्ण यात्रा और उपलब्धियों को साझा किया।

महिलाओं की सुरक्षा और विवाह संबंधी मुद्दों पर विशेष जोर
अपने संबोधन में ममता कुमारी ने कहा कि “महिलाओं से जुड़ी समस्याएँ केवल किसी एक संस्था या वर्ग की जिम्मेदारी नहीं हैं, बल्कि समाज के हर हिस्से को इसमें सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए।” उन्होंने सभी संस्थाओं, सामाजिक संगठनों और जनप्रतिनिधियों से महिलाओं की समस्याओं को गंभीरता से लेकर सरकार और समिति तक पहुँचाने की अपील की।
उन्होंने बढ़ते वैवाहिक विवादों और पति–पत्नी के अलगाव की बढ़ती घटनाओं पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों से परिवारों में तनाव, बच्चों के भविष्य पर नकारात्मक प्रभाव और सामाजिक असंतुलन जैसी चुनौतियाँ सामने आती हैं।

हर गाँव में परामर्श केंद्र की जरूरत पर बल
इस गंभीर समस्या के समाधान के लिए ममता कुमारी ने हर गाँव और कस्बे में परामर्श केंद्र (काउंसलिंग सेंटर) स्थापित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उनके अनुसार, ऐसे केंद्रों के माध्यम से वैवाहिक विवादों को समय रहते सुलझाया जा सकता है और पति–पत्नी को सही मार्गदर्शन मिल सकता है। इससे पारिवारिक रिश्तों में स्थिरता आएगी और समाज में सामंजस्य और शांति का वातावरण स्थापित होगा।
समारोह के दौरान समिति की 30 वर्षों की गौरवशाली यात्रा का स्मरण किया गया, जिसमें महिला शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वावलंबन और सामाजिक न्याय के क्षेत्र में किए गए उल्लेखनीय कार्यों को प्रस्तुत किया गया।