दार्जिलिंग : मोमोज बनाते नजर आईं ममता बनर्जी, इसके सियासी मायने दिलचस्प हैं
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Darjeeling: Mamta Banerjee was seen making momos, its political meaning is interesting
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपने अनूठे अंदाज के लिए जानी जाती हैं। कई बार वे पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ हल्के फुल्के मूड में नजर आती हैं तो कई बार वे फुटबॉल को किक मारती नजर आती हैं।
हाल ही में उनका दार्जिलिंग से एक वीडियो सामने आया है जहां एक वे एक स्थानीय स्टॉल पर बैठकर मोमोज तैयार करती हुई नजर आई हैं।
अपने इस कौशल का भी प्रदर्शन किया
दरअसल, इस वीडियो को न्यूज एजेंसी एएनआई ने शेयर किया है। इसमें लिखा गया है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज दार्जिलिंग में एक स्थानीय स्टॉल पर मोमोज तैयार करने में मदद की और अपने इस कौशल का भी प्रदर्शन किया। वीडियो में दिख रहा है कि ममता एक स्थानीय मोमोज स्टाल के अंदर पहुंचकर मोमोज बनाने में मदद करने लगती हैं।
दो महिलाएं मौजूद हैं और मोमोज तैयार कर रही
वीडियो में यह भी दिख रहा है कि वहां पहले से ही दो महिलाएं मौजूद हैं और मोमोज तैयार कर रही हैं। ठीक इसी दौरान ममता बनर्जी भी वहीं पहुंच जाती हैं और इसे तैयार करने लगती हैं। इस दौरान किसी ने इसका वीडियो भी बना लिया। अब यह वायरल हो रहा है।
यह पहला मौका नहीं है जब ममता बनर्जी ऐसा काम कर रही हैं। हाल ही में वे एक स्टॉल पर लोगों को पुचका खिलाती नजर आई थीं। दिलचस्प बात यह भी है कि पिछले साल भी ममता बनर्जी ने दार्जिलिंग दौरे पर लोगों को मोमोज बनाकर खिलाया था और इस साल फुचका के स्टाल पर भी पहुंच गईं थी। उन्होंने ना सिर्फ फुचका बनाया बल्कि लोगों को खिलाया भी।
इसके हैं सियासी मायने
पश्चिम बंगाल पर नजर रखने वाले सियासी जानकार कहते हैं कि ममता की इस रणनीति को समझने के लिए चुनावी आंकड़े भी समझना जरूरी है। दार्जिलिंग कभी भी टीएमसी का गढ़ नहीं रहा। यहां पिछले कई सालों से भाजपा का दबदबा रहा है।
पंचायत चुनाव और उसके बाद लोकसभा चुनाव
ऐसे में पंचायत चुनाव और उसके बाद लोकसभा चुनाव हैं। अभी टीएमसी की मुख्य रणनीति उत्तर बंगाल में पार्टी का दबदबा कायम करने की है। ममता को पता है दार्जिलिंग में मोमो और फुचका बेहद पसंद किया जाता है।