गरीबी में बीता बचपन, चाचा के साथ रहकर क्रिकेट सीखा – जानिए कैसे बने रोहित शर्मा टीम इंडिया के ‘हिटमैन’
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न्यूज टेल डेस्क: गरीबी में बीता बचपन, चाचा ने निभाई बड़ी भूमिका भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा का जन्म 30 अप्रैल 1987 को नागपुर के बंसोड़ में हुआ था। एक साधारण तेलुगु-मराठी परिवार से आने वाले रोहित का बचपन संघर्षों से भरा था। उनके पिता गुरुनाथ शर्मा ट्रांसपोर्ट फर्म में गोदाम के केयरटेकर थे और सीमित आमदनी के कारण रोहित को अपने दादा और चाचा के साथ रहना पड़ा। रोहित के क्रिकेट करियर की नींव उनके चाचा ने रखी, जो न केवल उन्हें क्रिकेट अकैडमी ले गए बल्कि आर्थिक रूप से भी उनका पूरा साथ दिया।

ऑफ स्पिनर से ओपनिंग बल्लेबाज बनने का सफर रोहित ने 1999 में अपने चाचा की मदद से क्रिकेट कैंप जॉइन किया। यहां कोच दिनेश लाड ने उनकी प्रतिभा को पहचाना और उन्हें स्वामी विवेकानंद इंटरनेशनल स्कूल में दाखिला दिलवाया, जहां उन्होंने छात्रवृत्ति के जरिए चार साल तक मुफ्त में पढ़ाई और प्रशिक्षण लिया। शुरुआत में रोहित एक ऑफ स्पिनर थे जो नीचे के क्रम में बल्लेबाजी करते थे, लेकिन कोच लाड ने उन्हें ओपनिंग करने का मौका दिया। उन्होंने हैरिस और जाइल्स शील्ड टूर्नामेंट में सलामी बल्लेबाज के रूप में शतक लगाकर सबको चौंका दिया।

डोमेस्टिक से इंटरनेशनल क्रिकेट तक का सफर रोहित ने 2005 में देवधर ट्रॉफी से लिस्ट ए क्रिकेट की शुरुआत की और 2006 में रणजी ट्रॉफी में मुंबई के लिए दोहरा शतक जड़ा। अब तक रोहित ने 129 फर्स्ट क्लास मैचों में 9318 रन, 344 लिस्ट ए मैचों में 13410 रन और 457 टी20 मैचों में 12070 रन बनाए हैं। उन्होंने 2007 में आयरलैंड के खिलाफ वनडे डेब्यू किया और उसी साल टी20 डेब्यू भी किया। टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने 2013 में कदम रखा। अब तक वह तीनों फॉर्मेट में कुल 49 शतक जड़ चुके हैं और भारतीय क्रिकेट के सबसे सफल बल्लेबाजों में गिने जाते हैं।
