फादर स्टेन स्वामी के मौत की न्यायिक जांच की मांग को लेकर संयुक्त वाममोर्चा और सामाजिक संगठनो का राजभवन मार्च
1 min readराँची : फादर स्टेन स्वामी के मौत का मामला थमता नहीं दिख रहा है। मानवाधिकार कार्यकर्ता फादर स्टेन स्वामी के मौत की न्यायिक जांच की मांग को लेकर सीपीआई एम पोलित ब्युरो सदस्य वृंदा करात के नेतृत्व में संयुक्त वाममोर्चा और सामाजिक संगठनो ने राजभवन मार्च किया। राजभवन मार्च का नेतृत्व करते हुए पोलित ब्यूरो सदस्य वृंदा करात ने फादर स्टेन स्वामी की मौत को एक सुनियोजित साजिश के साथ हिरासत में हुई हत्या करार दिया । कहा कि 84 साल के बीमार फादर स्टेन को जिस तरह से NIA ने UAPA कानून के तहत गिरफ्तार किया वो किसी भी तरह से लोकतंत्र के सही नही है। इसलिए आज सारे लोग इकट्ठा होकर राजभवन मार्च हमने किया है। इस मार्च के माध्यम से न्यायिक जांच की मांग करते हुए राजभवन को राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन सौंपेंगे। साथ ही कहा कि फादर स्टेन स्वामी को NIA 9 महीनों तक जेल में रखा पर इन 9 महीनों में भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में फादर की संलिप्तता का एक भी पुख्ता सबूत पेश नही कर पायीं। बीमार फादर को सही इलाज तक मुहैया नही कराया गया । साथ ही हमारी मांग है कि वैसे लोगों पर जो जल जंगल जमीन के लिए लड़ाई लड़ते हैं उन लोगों पर फर्जी मुकदमे के द्वारा जेलों में बंद है उनकी जल्द रिहाई की भी मांग आज के मार्च के द्वारा हमलोगों ने किया है। इसके अलावे UAPA कानून को रद्द करने की भी मांग है। वही आज के मार्च को आपदा कानून के तहत प्रशासन द्वारा रोके जाने पर कहा कि राज्य सरकार आपदा कानून के नाम पर विरोध के स्वर को दबाना चाहती है। वही बगोदर के मामले विधायक ने भी फादर स्टेन स्वामी की मौत को हत्या करार देते हुए इसकी न्यायिक जांच की मांग की।