झारखंड सरकार के दो और मंत्रियों को समन भेजने की तैयारी कर रहा है ED
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न्यूज़ टेल/झारखंड: एक-एक कर झारखंड सरकार के जितने भी मंत्री हैं वे सभी कमीशन घोटाला में फंसते जा रहे हैं। मंत्री आलमगीर आलम की रिमांड अवधि ईडी ने बढ़ा दी। खुलासा किया कि 3000 करोड़ के घोटाले तक की रकम अब तक हुए जांच में पता चला है और आगे पूछता जारी है। रोजाना ed कई नए खुलासे कर रही है। जांच के दौरान ed को यह जानकारी मिली है की रकम रंगीन बैगों में आता था जिसका जिक्र सीक्रेट कोड में किया जाता था। मंत्री के लिए h लिखा जाता था और साथ ही साथ इस तरह के कोड वर्ड दिए गए थे जिसके तहत घोटाला होता था। वहीं दूसरी ओर सूत्र बताते हैं कि दो और मंत्रियों को समान भेजने की तैयारी ed कर रही है…..झारखंड सरकार के मंत्री बादल पत्रलेख और हफीजुल हसन को ईडी समन भेजने की तैयारी में है। इसी महीने ईडी इन्हें पूछताछ के लिए बुला सकती है। इन दोनों मंत्रियों से सवाल करेगी। बताया जा रहा है कि ईडी यह समन टेंडर कमीशन मामले में कर सकती है। सूत्र बताते हैं कि कमीशन के दायरे में कई मंत्री और अधिकारी है। इसी मामले में आईएएस मनीष रंजन को भी ईडी ने समन किया है जिनसे 24 मई को पूछताछ होनी है।
बादल पत्रलेख और हफीजुल हसन कैसे इन मामलों में घिरे हैं इसकी जानकारी अब तक सामने नहीं आयी है। इसी बीच निशिकांत दुबे का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें उन्होंने कहा कि मैं कांग्रेस को कितनी भी गाली दूं ऐसे दो नेता है जो मेरे खिलाफ कभी नहीं बोलते, बादल पत्रलेख और हफीजुल हसन। उन्होंने आगे कहा कि ऐसा नहीं है कि वह मेरा सम्मान करते है इसलिए नहीं बोलते वो डरते हैं कि मैंने हेमंत सोरेन को जेल भेज दिया अगर किसी दिन हम बोल दिये तो हमें जेल भेज देंगे। हफीजुल को बिना विधायक बने भी मंत्री पद दिया गया था। फरवरी 2021 में हफीजुल हसन ने मंत्री पद की शपथ ली थी। उस दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन थे। जब हसन ने मंत्री पद की शपथ ली थी तब वह विधायक भी नहीं थे। हफीजुल हसन, हाजी हुसैन अंसारी के बेटे हैं। हाजी हुसैन अंसारी शिबू सोरेन के काफी करीबी रहे। 2020 में उनका निधन हो गया था। इसके बाद उनकी जगह उनके बेटे को मंत्री बनाया गया है।हफीजुल हसन को अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, निबंधन विभाग, पर्यटन, कला संस्कृति खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग मिला है। चंपई सोरेन मंत्रिमंडल में दो मुस्लिम चेहरे हैं। इसके पहले आलमगीर आलम ने 2 फरवरी को शपथ लिया था। आलम कांग्रेस से पाकुड़ सीट से विधायक और कांग्रेस के विधायक दल के नेता हैं। वह पहले बिहार सरकार में भी उद्योग विकास मंत्री रह चुके हैं। इसके अलावा झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष भी रह चुके हैं फिलहाल आलमगीर आलम को टेंडर कमीशन घोटाला के मामले में ईडी ने रिमांड पर रखा है। बादल पत्रलेख देवघर के जरमुंडी विधानसभा क्षेत्र के विधायक हैं। इस खबर के साथ ही चर्चा यह भी तेज है कि इसमें कई और मंत्री और अधिकारी ईडी की रडार में है। इनसे पूछताछ में कई और नाम भी सामने आ सकते हैं।