विश्व हैप्पीनेस दिवस: हंसी और खुशी से कैसे पाएं बेहतर मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य
1 min readआज, 20 मार्च को विश्व हैप्पीनेस दिवस मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य लोगों को मानसिक स्वास्थ्य और खुशी के प्रति जागरूक करना है। विशेषज्ञों का मानना है कि हंसना और खुश रहना न केवल मानसिक तनाव को कम करता है, बल्कि यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है। एलोपैथिक, होम्योपैथिक और आयुर्वेदिक चिकित्सक मानते हैं कि खुश रहने से शरीर में सेरोटोनिन और अन्य सकारात्मक हार्मोन का स्राव होता है, जिससे कई बीमारियों का खतरा कम हो जाता है।

तनाव और अवसाद से मुक्ति मिलती है।पाचन तंत्र मजबूत होता है और भूख सही रहती है।रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है।दिल की सेहत बेहतर रहती है और नींद अच्छी आती है।एकाग्रता और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।

पटना के पीएमसीएच, एनएमसीएच, एम्स और आइजीआइएमएस जैसे प्रमुख अस्पतालों में गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों को तनावमुक्त रखने के लिए लाफ्टर थेरेपी और योग का सहारा लिया जा रहा है। खासकर कैंसर, न्यूरो, हार्ट और ऑटिज्म जैसी बीमारियों से पीड़ित मरीजों को इससे मानसिक राहत मिल रही है। पीएमसीएच के गैस्ट्रो विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. मनीष भास्कर का कहना है, ‘हंसी में सेहत का राज छुपा है। हंसने से सेरोटोनिन का स्तर बढ़ता है, जिससे शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

विश्व हैप्पीनेस दिवस की शुरुआत 2013 में हुई थी। संयुक्त राष्ट्र के सलाहकार जेम इलियन के प्रस्ताव पर 2011 में इसे मान्यता दी गई थी। इसके बाद 20 मार्च को अंतरराष्ट्रीय हैप्पीनेस डे के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया।

सकारात्मक सोच अपनाएं और हर परिस्थिति में अच्छा देखने की कोशिश करें।नियमित रूप से योग और ध्यान करें।परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताएं।छोटी-छोटी खुशियों में खुशी ढूंढें और जीवन को खुलकर जीएं।हंसते रहिए, खुश रहिए और स्वस्थ रहिए।