‘ऑपरेशन सिंदूर’ की हीरो विंग कमांडर निकिता पांडे सुप्रीम कोर्ट पहुंचीं, सेवा समाप्ति के खिलाफ मांगा न्याय

न्यूज़टेल डेस्क:भारतीय वायुसेना की विंग कमांडर निकिता पांडे, जो ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और ‘ऑपरेशन बालाकोट’ जैसे महत्वपूर्ण सैन्य अभियानों में शामिल रहीं, अपनी सेवा समाप्ति के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचीं। उन्होंने कोर्ट में याचिका दाखिल कर स्थायी कमीशन न दिए जाने पर आपत्ति जताई। कोर्ट ने उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए फिलहाल सेवा में बनाए रखने का आदेश दिया है।

वरिष्ठ अधिवक्ता मेनका गुरुस्वामी ने कोर्ट को बताया कि निकिता पांडे एक विशेषज्ञ फाइटर कंट्रोलर हैं, जिन्होंने वायुसेना की एकीकृत कमांड और कंट्रोल प्रणाली में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने 14 साल की सेवा दी है, लेकिन उन्हें स्थायी कमीशन नहीं दिया गया, जो 2019 की नीति के तहत अनुचित है। कोर्ट ने केंद्र सरकार और भारतीय वायुसेना से जवाब मांगा है कि उन्हें स्थायी कमीशन क्यों नहीं दिया गया।

सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति सूर्यकांत और एनके मेनन सिंह की पीठ ने स्पष्ट किया कि सेवा समाप्त करने का निर्णय पारदर्शिता और योग्यता के आधार पर होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर भविष्य में स्थायी कमीशन की योजना नहीं है तो एसएससी के लिए भी उसी तरह की चयन प्रक्रिया अपनाई जाए। अगली सुनवाई 6 अगस्त को होगी और तब तक निकिता को सेवा में बनाए रखने का आदेश जारी रहेगा।