संसद में ‘समोसे का साइज’ सवाल से चर्चा में आए गोरखपुर सांसद रवि किशन।
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न्यूज टेल डेस्क: गोरखपुर के सांसद और अभिनेता रवि किशन इन दिनों सोशल मीडिया पर छाए हुए हैं। कारण है उनका लोकसभा में पूछा गया एक अनोखा सवाल—देशभर में समोसे का साइज एक जैसा क्यों नहीं है? उनका यह वीडियो तेजी से वायरल हो गया है। इस पर बुद्धिजीवी वर्ग में बहस छिड़ी हुई है कि क्या संसद में ऐसे मुद्दे उठाना उचित है या फिर यह गंभीर मंच पर हल्के सवाल का उदाहरण है।

पत्रकारों की राय—‘बड़े मुद्दे को छोटा बना दिया’
वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप कुमार सिंह का कहना है कि रवि किशन जैसे लोकप्रिय नेता को अगर समोसे पर सवाल करना ही था, तो उसके स्वास्थ्य प्रभाव, तेल की गुणवत्ता या उपभोक्ता हित से जुड़े पहलुओं को उठाना चाहिए था। लेकिन वे सिर्फ उसके साइज पर अटक गए। गोरखपुर के वरिष्ठ पत्रकार और अधिवक्ता रत्नाकर सिंह का भी मानना है कि सांसद के इस रवैये से उनकी गंभीर छवि नहीं बन पाई है। यही कारण है कि मंचों पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अक्सर उनके साथ हल्के-फुल्के अंदाज में पेश आते हैं।

‘आम आदमी के मुद्दों पर भी हो चर्चा’
वरिष्ठ पत्रकार व केमिकल इंजीनियर आशुतोष मिश्रा मानते हैं कि यह विषय भले ही प्राथमिकता सूची में नीचे हो, लेकिन इसे उपभोक्ता अधिकारों और रोज़मर्रा की जरूरतों से जुड़ा प्रतीकात्मक मुद्दा भी माना जा सकता है। उनका कहना है कि संसद में केवल बड़े नीतिगत विषय ही नहीं, बल्कि आम जनता की छोटी-छोटी समस्याओं पर भी बात होनी चाहिए। हालांकि, अधिकतर लोगों की राय है कि मुद्दा समोसे का नहीं, बल्कि उसकी प्रस्तुति का था—जो महत्वपूर्ण होकर भी कम महत्व का बन गया।