घाटशिला उपचुनाव: झामुमो के सोमेश और भाजपा के बाबूलाल में सीधा मुकाबला, मैदान में 13 प्रत्याशी
घाटशिला:झारखंड की राजनीति में इन दिनों घाटशिला विधानसभा उपचुनाव सुर्खियों में है। आगामी 11 नवंबर को यहां मतदान होना है, जिसके लिए सियासी पारा चढ़ चुका है। घाटशिला सीट पर इस बार त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है। भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन से बाबूलाल सोरेन, सत्तारूढ़ झामुमो से सोमेश चंद्र सोरेन और झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (जेएलकेएम) से रामदास मुर्मू मैदान में हैं।जानकारी के अनुसार, कुल 13 उम्मीदवार इस चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं, जिनमें से 9 पहली बार चुनावी मैदान में उतर रहे हैं। हालांकि, मुख्य मुकाबला झामुमो के सोमेश चंद्र सोरेन और भाजपा के बाबूलाल सोरेन के बीच माना जा रहा है। झामुमो उम्मीदवार सोमेश सोरेन अपने दिवंगत पिता और पूर्व मंत्री रामदास सोरेन की विरासत को आगे बढ़ाने के दावे के साथ चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि भाजपा प्रत्याशी बाबूलाल सोरेन — जो पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के पुत्र हैं — प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजनाओं और जनहित नीतियों के बल पर जनता से वोट मांग रहे हैं।जेएलकेएम प्रत्याशी रामदास मुर्मू के मैदान में आने से मुकाबला और भी दिलचस्प हो गया है। भाजपा जहां आदिवासी, कुर्मी और पिछड़े वर्ग के वोटों को साधने में जुटी है, वहीं झामुमो गठबंधन मुस्लिम और दलित वोटरों को अपने पक्ष में करने की रणनीति बना रहा है।बता दें कि घाटशिला सीट झारखंड के शिक्षा मंत्री रहे रामदास सोरेन के निधन के बाद खाली हुई थी। 15 अगस्त को बीमारी के कारण उनका निधन हो गया था। इस सीट पर महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों से अधिक है — कुल 2,56,252 मतदाताओं में से 1,31,180 महिलाएं और 1,25,078 पुरुष हैं।अब देखना यह दिलचस्प होगा कि 11 नवंबर को होने वाले मतदान में घाटशिला की जनता किस उम्मीदवार को अपना जनप्रतिनिधि चुनती है — झामुमो का सोमेश या भाजपा का बाबूलाल।