सरहुल पर्व पर पूर्व मुख्यमंत्री और विधायक सरयू राय ने नारियल फोड़ की प्रकृति की पूजा
विधायक सरयू राय ने कहा प्रकृति को बचाने का लिए बनाएं एक मुद्दा तो रघुवर दास ने कहा प्रत्येक व्यक्ति को लेना चाहिए एक पौधा लगाने का संकल्प
जमशेदपुरः प्रकृति संरक्षण का संदेश देने वाले इस पर्व को आदिवासी समाज बड़े धूमधाम से मनाता है। राज्य भर में सरहुल पर्व इस साल कोरोना गाइडलाइंस के तहत मनाया जा रहा है। वैसे हर साल आदिवासी समाज प्रकृति संरक्षण का संदेश देने वाले इस महान पर्व पर विशाल झांकियां निकालता था, लेकिन इस साल बेहद ही सीमित तरीके से केवल परंपराओं का निर्वहन किया गया। जमशेदपुर में भी सरहुल बेहद ही सादगी पूर्ण तरीके से मनाई जा रही है। आदिवासी समुदाय पारंपरिक पूजा पाठ कर एक दूसरे को सरहुल की बधाइयां दे रहे हैं।

राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास और जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय सरना स्थल पर पहुंचे लोगों को सरहुल पर्व की बधाइयां दीं। दोनों ही नेताओं ने सरहुल पर्व को प्रकृति का पर्व बताया और इसके माध्यम से प्रकृति संरक्षण का संदेश दिया दोनों नेताओं ने आदिवासियों के इस महान परंपरा को जीवन में आत्मसात किए जाने पर बल दिया, और कहा आदिवासी समाज प्रकृति के पुजारी होते हैं। प्रकृति के संरक्षण से ही मानव जाति का कल्याण संभव है। विधायक सरयू राय ने बताया कि जमशेदपुर में पूरा भारत बसता है। सभी जाति संप्रदाय और धर्म को माननेवाले लोग बसते हैं। सभी एक दूसरे के पर्व त्योहारों पर एकजुट होकर खुशियां बांटते हैं सरहुल पर्व पर भी ऐसा ही देखने को मिलता है उन्होंने सभी से प्रकृति की रक्षा करने का संकल्प लेने की अपील की। उधर सरहुल पूजा कमेटियों की ओर से सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए अनेकता में एकता का संदेश दिया।