सरकारों की आपसी मतभेद में गांव रह गया विकास से वंचित
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सरकारों की आपसी मतभेद का मारा गांव
झारखंड / बंगाल : गांव एक समाज एक मगर सरकार दो और सरकार की नीतियां अनेक। झारखंड और बंगाल के बॉडर लाइन पर बसा गांव सरकारों की आपसी मतभेद में रह गया विकाश बिहीन । जहा आज तक सड़क नही, ना ही कोई सरकारी योजना। गांव के लोगो का दोनों सरकारों पर उम्मीद कहा कोई तो करवा दें यहां विकाश। जिला यूपायुक्त ने कहा ऐसे क्षेत्रों में मुख्यमंत्री आपके द्वार कार्यक्रम का आयोजन कर होगा विकाश। जमशेपुर से लगभग 40 किलोमीटर दूर बोड़ाम पंचायत का सुसनी क्षेत्र का ढेकाकुची गांव जो आज आज़ादी के 70 वर्षो के बाद भी विकाश की राह देख रहा है उनकी गलती मात्र इतनी की वह दोनों राज्यो के बॉडर लाइन पर वसा है जहां की एक तश्वीर समझने के लिए शायद काफी है की आखिर क्या मसला है की यहां विकाश की गति पर ग्रहण लगा होगा । जी हां यहां सड़क ही नही जहा ऊपर दोनों राज्यो का बिजली के तार गया है जो साफ दर्शता है कैसे अपने ही देश मे एक गांव में लोग विभाजन की स्थिति के साथ जीवन यापन कर रहे है। दरअसल यहाँ जब समाचार plas की टीम पहुची तो ग्रामीण इस उम्मीद में घरो से बाहर आये मानो उन्हें अनुमान हुवा हो कि कोई सरकारी बाबू उनके सडको और अन्य जरुरतो को पूरा करने आया हो मगर जब उनसे बातचीत हुई तो उन्हें पता चला गांव का जायजा लेने मीडिया वहां आयी है । जहा इस गांव में पहुच पथ झारखंड का है ही नही वहां जाने के लिए बंगाल के रास्ते ही जा सकते है ऐसा में इस गांव की तश्वीर आखिर ऐसी कियु है उन्ही की जुबानी सुनिए वह बताते है बहुत कष्ट में जीवन यापन चल रहा है ना सड़क,ना पानी ,ना ही शिक्षा और ना ही कोई सरकारी लाभ अगर गांव में पहुची है तो मात्र दोनों सरकारों की बिजली वह भी आधी -आधी क्षेत्रो के लिए आखिर किस पाप की सजा हमे दोनों सरकार दे रही समझ से परे ।