कांग्रेस में फिर मचा बवाल – पर्यवेक्षक की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं करने पर आत्मदाह करेंगे जिला उपाध्यक्ष बबलू झा

जमशेदपुर: झारखंड प्रदेश कांग्रेस में जारी जिलाध्यक्षों की नई सूची को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। पूर्वी सिंहभूम जिला कांग्रेस उपाध्यक्ष बबलू झा ने पार्टी नेतृत्व पर संगठन सृजन अभियान की प्रक्रिया को दरकिनार करने का आरोप लगाते हुए पर्यवेक्षक की सूची सार्वजनिक नहीं करने पर आत्मदाह की चेतावनी दी है।
गौरतलब है कि कांग्रेस हाईकमान के निर्देश पर “संगठन सृजन अभियान” के तहत केंद्रीय पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की गई थी, जिनके माध्यम से प्रखंड और पंचायत स्तर पर व्यापक रायशुमारी की गई थी। तय यह था कि पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट के आधार पर जिलाध्यक्ष का चयन होगा। मगर कार्यकर्ताओं का कहना है कि पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट और अंतिम सूची को पूरी तरह नज़रअंदाज कर विधायकों और मंत्रियों की सिफारिश पर ऐसे व्यक्ति को जिलाध्यक्ष बना दिया गया जो सूची में शामिल ही नहीं थे।
इसको लेकर रविवार को गांधी घाट, मानगो पुल के पास जिला कांग्रेस के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने शांतिपूर्ण सत्याग्रह किया। इस दौरान जिला उपाध्यक्ष बबलू झा, जिला महासचिव अमित दुबे, जिला सचिव अजितेश उज्जैन, आजम सफी बादशाह, शमीम गद्दी, गुलाम मोहम्मद और कुलदीप सिंह सहित कई कार्यकर्ता मौजूद रहे।
बबलू झा ने मीडिया से कहा कि पूर्वी सिंहभूम से 72 दावेदारों की सूची पार्टी के पास थी, लेकिन प्रदेश नेतृत्व ने पूरी प्रक्रिया को दरकिनार कर मनमाने ढंग से जिलाध्यक्ष नियुक्त किया। उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति को अध्यक्ष बनाया गया, वे चयन प्रक्रिया के दौरान ज्यादातर वक्त रांची ग्रामीण में बतौर प्रदेश पर्यवेक्षक थे।
बबलू झा ने कहा कि यदि पार्टी ने पर्यवेक्षक की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की, तो वे आंदोलन को तेज करेंगे और आत्मदाह करेंगे। उन्होंने स्पष्ट चेतावनी दी कि इसकी जिम्मेदारी प्रदेश प्रभारी के राजू और प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश की होगी।
सूत्रों के अनुसार, जिलाध्यक्ष की नियुक्ति में दो पूर्व विधायकों की सिफारिश को तरजीह दी गई, जिनमें से एक 2019 में कांग्रेस छोड़कर आजसू से चुनाव लड़ चुके हैं। वहीं दूसरे की निकटता भाजपा के शीर्ष नेताओं से बताई जा रही है।