झारखंड विश्वविद्यालय विधेयक पर विवाद: छात्र नेता सौरव ठाकुर का बयान।
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न्यूज टेल डेस्क: झारखंड राज्य विधानसभा में पारित राज्य विश्वविद्यालय विधेयक-2025 को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। छात्र नेता सौरव ठाकुर ने इस विधेयक को पूरी तरह असंवैधानिक बताया है। उनका कहना है कि इस नए प्रावधान के तहत झारखंड के विश्वविद्यालयों में कुलपति, प्रति कुलपति, वित्तीय सलाहकार, परीक्षा नियंत्रक और अन्य प्रमुख पदों पर नियुक्ति का अधिकार महामहिम राज्यपाल से हटाकर राज्य सरकार को दिया जा रहा है, जो संविधान और शिक्षा व्यवस्था के खिलाफ है।

छात्र संघ चुनाव पर भी सरकार का निशाना: ठाकुर का आरोप
सौरव ठाकुर ने आरोप लगाया कि यह विधेयक लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर सीधा प्रहार है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कैंपस में होने वाले छात्र संघ चुनाव को रोकने की कोशिश कर रही है। छात्र संघ के लिए अलग चुनाव न कराना यह दर्शाता है कि सरकार नए राजनीतिक, सामाजिक विमर्श और विद्यार्थी नेतृत्व के उभरने से भयभीत है।

‘लोकतंत्र पर ग्रहण बन चुकी है सरकार’ – सौरव ठाकुर
छात्र नेता ने कहा कि छात्र संघ के माध्यम से निकलने वाला सहज, सरल और प्राकृतिक नेतृत्व समाज, राज्य और देश को नई दिशा देने में अहम भूमिका निभाता है। सरकार इस प्रक्रिया को रोककर लोकतांत्रिक परंपराओं को कमजोर कर रही है। ठाकुर का आरोप है कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया के ऊपर यह सरकार स्वयं एक ग्रहण बन चुकी है।