राज्य सरकार और स्वास्थ्य मंत्री पर भड़के दिनेश कुमार।
1 min readजमशेदपुर : जमशेदपुर में सरकारी अस्थाई कोविड जाँच केंद्रों पर जाँच किए गये नमूनों के रिपोर्ट में देरी और गड़बड़ी पर भाजपा महानगर पूर्व जिलाध्यक्ष दिनेश कुमार ने विरोध जताते हुए कहा कि इसके जिम्मेवार राज्य सरकार और स्वास्थ्य मंत्री के हैं। उन्होनें कहा कि स्वास्थ्य मंत्री के गृह जिले में कोविड जाँच को लेकर लापरवाही बरती जा रही है। जाँचें गये नमूने के रिपोर्ट आने में 15 दिनों से अधिक समय लग रहे हैं, दिनेश कुमार ने कहा कि वे स्वयं जिला प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे जांच अभियान के तहत साकची गोलचक्कर पर 6 मई को RTPCR जांच करवाये थे लेकिन आज तक रिपोर्ट नहीं मिला तथा कई ऐसे मामलों में देरी के दुष्परिणाम देखने को मिल रहा है। दिनेश कुमार ने बिरसानगर निवासी जन्मजय ठाकुर के मामले को उठाते हुए सरकार और जिला प्रशासन के कोविड जाँच केंद्रों की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े किए है।
उन्होनें कहा कि जन्मजय ठाकुर ने कोविड के लक्षण महसूस करने पर स्वयं ही सरकारी कोविड जाँच केंद्र पर जाकर 29 अप्रैल को कोरोना जाँच करवाया था। काफ़ी दिन बीत जाने के बाद भी उन्हें रिपोर्ट नहीं मिला। इस बीच तबियत अधिक बिगड़ने पर वे टाटा मुख्य अस्पताल में भर्ती हो गए। अस्पताल के द्वारा हुए जाँच में 5 मई को उन्हें कोविड पॉजिटिव पाया गया और टीएमएच में इलाज शुरू हो किया गया और वे अभी तक अपना इलाज करवा रहे है,14 मई को जन्मजय ठाकुर के मोबाइल पर मैसेज आया कि वे कोविड निगेटिव हैं। यह मैसेज 29 अप्रैल को कराई गई कोविड जाँच के आलोक में था। इससे बड़ी लापरवाही बताते हुए पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष ने राज्य सरकार से ऐसे मामलों में छतिपूर्ति देने की माँग की है। उन्होनें कहा कि सरकारी केंद्रों पर व्याप्त शिथिलता के कारण मरीजों को देर से जानकारी मिल रही है, परिणामस्वरूप मरीज गंभीर रूप से बीमार पड़ रहे हैं। वहीं कई मामलों में तो देरी के कारण मृत्यु तक भी हो रही है। ऐसे मामलों को घोर निन्दा करते हुए दिनेश कुमार ने सख्त नियम बनाने की माँग की ताकि जाँच केंद्रों की जवाबदेही तय हो सके। उन्होनें कहा कि यदि 48 घँटों की समयावधि के अंदर जाँच रिपोर्ट नहीं दी जा सकती तो ऐसे जाँच केंद्रों के नाम पर दिखावा करना बंद होना ही जनता के लिए लाभप्रद होगा।