जंगल में लगी आग से जीव-जंतु पर मंडरा रहा खतरा
किशोर मंडल
पाकुड़
सरकार जहां पर्यावरण एवं जलवायु को सुरक्षित रखने के लिए पौधरोपण में करोड़ों अरबों रुपए खर्च कर रही है, वहीं तनिक नीजि स्वार्थ के लिए कुछ लोग जंगलो में आग लगा रहे हैं। जंगलों में फैली आग से जीव जंतु सहित पर्यावरण पर खतरा मंडराने लगा है। वनों से आच्छादित जिले के लिट्टीपाड़ा, अमड़ापाड़ा एवं महेशपुर प्रखंड के दुर्गम पहाड़ों पर स्थित जंगलों में लगी आग ने गांव में रहने वाले लोगों में भी भय का माहौल कायम कर दिया है।
निजी स्वार्थ के कारण जिले के महेशपुर प्रखंड के शहरग्राम सहित अमड़ापाड़ा प्रखंड के मालीपाड़ा, पकलो, कुचैनी, लिट्टीपाड़ा प्रखंड के लबदाघाटी, जामकुंदर, रोलडीह सहित दर्जनो गांवो से सटे जंगलों में आग लगा दिये जाने की वजह से छोटे छोटे जीव जंतुओं के अलावे पेड़ पौधे जल रहे हैं। कई जंगलों से तो वन्य प्राणियों को जान बचाकर भागना भी पड़ रहा है। जंगलों की आग की वजह से गांव के लोगों में भय का माहौल व्याप्त है। हालांकि वन विभाग की क्वीक रिस्पांस टीम लगी आग पर काबु पाने में जुटी हई है, लेकिन यहां यह सवाल खड़ा हो गया है कि अपने गांव के आसपास के जंगलो में आग लगाने वाले लोग अपने भविष्य एवं भावी पीढ़ी के हितो की अनदेखी क्यों कर रहे है। यहां उल्लेखनीय है कि मानसून के पूर्व पहाड़ों पर स्थित गांवो में रहने वाले ग्रामीण अपनी पारम्परिक खेती के लिए जंगलो में आग लगाया करते हैं ताकि अच्छी तरीके से उपज की जा सके। महुआ चुनने के लिए भी जंगलों में आग लगाने की परिपाटी वर्षो से चली आ रही है। कुछ जंगलो में लोगों की लापरवाही के कारण भी आग लगी की घटनाए घटती रही हैं। जिस तरह जंगलो में आग की लपटे फैल रही है उससे न केवल छोटे छोटे जीव जंतुओ और पर्यावरण पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं बल्कि वन्य प्राणी भी जान बचाकर अपना आशियाना ढुंढने को मजबुर हो रहे है।