झारखंड में आदिवासी अधिकारों की लड़ाई: चंपई सोरेन का आह्वान
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चाकुलिया:झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने चाकुलिया में आयोजित आदिवासी महासम्मेलन में आदिवासी समाज के अस्तित्व और आत्म-सम्मान की रक्षा के लिए एकजुट होने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि आदिवासी संस्कृति की रक्षा के लिए बाबा तिलका मांझी, वीर सिदो-कान्हू और भगवान बिरसा मुंडा जैसे महान नेताओं ने बलिदान दिया था, और इसे मिटने नहीं दिया जाएगा।

चंपई सोरेन ने आदिवासी समाज को धर्मांतरण के खिलाफ एकजुट होने का आह्वान करते हुए कहा कि जो लोग आदिवासी परंपराओं और जीवनशैली को छोड़ चुके हैं, उन्हें आरक्षण का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज की पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था के ध्वस्त होने के कारण धर्मांतरण बढ़ रहा है, और समाज के अगुवाओं को आगे आकर समाज को बचाने की इस लड़ाई में शामिल होने की आवश्यकता है।

चंपई सोरेन ने राज्य सरकार पर आदिवासियों के साथ धोखा करने का आरोप लगाया और कहा कि कांग्रेस ने हमेशा आदिवासियों को धोखा दिया है। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज के अधिकारों की लड़ाई जारी रहेगी और वे इसके लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के लोग उपस्थित थे, जिन्होंने चंपई सोरेन के आह्वान का समर्थन किया ।