हाइकोर्ट के सख्त टिप्पणी के बाद ब्लैक फंगस पीड़ित उषा देवी का रिम्स में हुआ ऑपरेशन
1 min readराँची : आखिरकार हाइकोर्ट के हस्तक्षेप और सख्त टिप्पणी के बाद ब्लैक फंगस पीड़ित उषादेवी का रिम्स में ऑपरेशन हुआ। जिसके बाद अपनी मां के लिए इच्छामृत्यु मांग रहे निराश परिजन थोड़े से खुश नजर आ रहे हैं वजह है उनकी मां का ऑपरेशन होना…जी हां हम बात कर रहे हैं गिरिडीह के पचंबा की रहनेकी रहने वाली उषा देवी की जो गंभीर रूप से ब्लैक फंगस से पीड़ित रिम्स में इलाजरत थी । रिम्स के e.n.t. ओटी में डॉक्टर सीके बिरुआ के देखरेख में में उनके आंख का ऑपरेशन किया गया।
कुछ दिन पहले अपनी मां के सही तरीके से इलाज ना होने के वजह से निराश होकर रिम्स की दहलीज पर बैठ अपनी मां के लिए इच्छा मृत्यु की मांग करने वाले आज उनके बेटे व बेटी खुश हैं। उन्हें अब उम्मीद है कि उनकी मां स्वस्थ हो जाएगी। ऑपरेशन के बाद उषा देवी का बेटा सौरभ गुप्ता ने बताया कि उसकी मम्मी के आंख और नाक का ऑपरेशन हुआ है। प्लास्टिक सर्जरी और ब्रेन अभी तक हुआ नहीं है। डॉक्टरों द्वारा कुछ बताया नहीं गया है ऑपरेशन के बाद मम्मी को आईसीयू में शिफ्ट किया गया है. ऑपरेशन करके संक्रमित एक आंख और जबड़ा निकाला गया. जब कोर्ट द्वारा संज्ञान लिया गया तो सारा व्यवस्था रिम्स द्वारा किया गया पहले बाहर ले जाने की बात की जा रही थी।

वही मरीज की बेटी भी आज खुश है पहले तो हम पूरी तरह से निराश हो चुके थे लेकिन अब मम्मी का इलाज हो रहा है तो हम खुश है। अब उम्मीद है थोड़ी सी राहत मिली है। हम सबको धन्यवाद करेंगे सरकार, रिम्स प्रबंधन, हाई कोर्ट को जिन्होंने हमारी मदद की हमें उम्मीद है मम्मी यहां से स्वस्थ होकर निकलेगी।
वही रिम्स के पीआरओ डॉ डीके सिन्हा ने कहा कि आज ब्लैक फंगस से पीड़ित उषा देवी का इएनटी की नोडल अफसर सीके बिरुआ की देखरेख में ऑपरेशन किया गया है, इस ऑपरेशन में अन्य विभागों की टीम की भी सहायता ली गई है आज मरीज उषा देवी के ब्लैक फंगस की वजह से जो टिशु डेथ हो गए थे उन्हें काटकर हटाया गया है। ऑपरेशन के बाद उन्हें आईसीयू में शिफ्ट किया गया है मरीज पहले से ही सीरियस थे ऑब्जर्वेशन में रखा गया है। कुछ कंफ्यूजन के चलते ऑपरेशन में देरी हुई लेकिन आज ऑपरेशन हुआ है हम उम्मीद कर रहे हैं कि वे ठीक हो जाएंगे। इस मामले में कोर्ट का भी हस्तक्षेप रहा कोर्ट में स्वत संज्ञान लिया । जहां तक मेरी जानकारी है इसके मुताबिक कोर्ट को लगा कि जानबूझकर देरी की जा रही है। रिम्स प्रबंधन द्वारा कोर्ट को बताया गया कि जहां मरीज का इलाज ऑपरेशन किया जा सकता है। इसी के अंतर्गत आज उनका ऑपरेशन किया गया।
आपको बता दें कि इस मामले में झारखंड हाई कोर्ट द्वारा स्वतः संज्ञान लिया गया था जिसमें रिम्स के डायरेक्टर को भी तलब किया गया था।