ब्रायलर उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने की ओर बिहार, 10 नए प्लांट की योजना तैयार
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बिहार : बिहार अब पोल्ट्री सेक्टर में भी आत्मनिर्भर बनने की दिशा में अग्रसर है। राज्य में ब्रायलर चूजा और फर्टाइल अंडे की भारी मांग को देखते हुए सरकार ने 10 नए हैचरी प्लांट लगाने की योजना बनाई है। अभी राज्य में केवल 16 प्लांट ही कार्यरत हैं, जो कुल मांग का महज 18% उत्पादन कर पा रहे हैं। बाकी 82% जरूरत आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और तेलंगाना जैसे राज्यों से पूरी की जाती है। लेकिन मछली उत्पादन में आत्मनिर्भरता के बाद अब बिहार का फोकस पोल्ट्री इंडस्ट्री पर है।

पशुपालन विभाग की ओर से इस योजना के तहत 11.70 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। हर प्लांट पर लगभग 3.5 करोड़ रुपये का खर्च अनुमानित है और इसके लिए ढाई एकड़ जमीन की आवश्यकता होगी। प्रत्येक प्लांट में 10,000 ब्रायलर मुर्गे-मुर्गियों की क्षमता होगी। सरकार इस परियोजना में एससी-एसटी वर्ग के लिए 40% और अन्य वर्गों के लिए 30% अनुदान की व्यवस्था भी करेगी, ताकि निजी निवेशकों को प्रोत्साहन मिल सके।

इस योजना से न केवल राज्य को पोल्ट्री उत्पादन में आत्मनिर्भरता मिलेगी, बल्कि रोजगार के भी कई अवसर उत्पन्न होंगे। वर्तमान में बिहार में हर महीने लगभग 10 करोड़ ब्रायलर चूजों और 90 लाख अंडों की खपत होती है। इन प्लांट्स के चालू होने से बिहार पोल्ट्री सेक्टर में आंध्र प्रदेश जैसे अग्रणी राज्यों को टक्कर देने में सक्षम होगा। यह कदम राज्य की आर्थिक मजबूती और स्थानीय संसाधनों के बेहतर उपयोग की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा।